Book Title: Sramana 1999 01
Author(s): Shivprasad
Publisher: Parshvanath Vidhyashram Varanasi

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Page 85
________________ साहु सरणं पवज्जामि स्मरण रात दिवस करांछाजी श्रीजी रो दर्शन करस्यां ते दिवस सफल हुसीजी सफल गिणस्यां जी श्री राज बलता कागद पत्र वेगा प्रसाद करजो जी लिखत समस्त समग्र श्री मेड़ता री नागोरी लंकां री वनणा वार १०८ दिन प्रते अवधार जो जी श्रीपूज्यजी चौमासौ उतरां समग्र उपरे कृपा करने मेड़ता पधारजो श्रीजी साहब रा दरसण री उत्कंठा घड़ी छै श्रीजी साहब रो दरसण कर मां सो दिन धन्य होसी जी श्री जी साहब सदा मेड़ता री सामग्री ऊपर कृपा भाव राखो छै तिणसुं विशेष राखसी जी मिती पोष वदि १४ सं १९३४ री लिखतुं इंदरचंद चंद्रभाण जगरूप जीवण लि० जैचंद देवचंद हकमचंद उदैचंद विनेचंद री वनणा १०८ वार दिनप्रति अवधार सुराणा री वनणा १०८ दिन प्रते अवधर सो जी लिखतुं उत्तमचंद ........री वनणा सो जी लि० माणकचंद प्रे......चंद गलालचंद वार १०८ वार बचावसी जी । शिवचंद रूपचंद मोतीचंद........ताराचंद लिखतुं सरदारमल सरूपचंद सवणमल सुराणा री वनणा वार १०८ दिनप्रते अवधार संतोखचंद छतरमल करसचंद सो जी धीरजमल बहादुरमल बापणा वजपाल री लि० सुराणा माणकचंद जसरूप वधरमल वनणा १०८ अवधार सो जी ...जालमचंद खूबचंद....वनणा १०८ लिखतं सारडा जीतमल......की वनणा अवधार जो जी घणैमान १०८ वार अवधार सी लि० सिरदारमल सुराणा री वनणा वार अमरसिंह .......शाह...........१०८ १०८ करी अवधार सो जी। अवधार सी वैद अभयमल जी समस्त बालगोपाल री वन्दणा वांचजो जी १०८ करी अवधार जो लिखतुं रूपचंद अनोपचंद नगजी गुमानचंद सचंती री वनणा १०८ वार दिन प्रति अवधार सो जी ।। इति ।।

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