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१९.
१५१३
२०. १५१३
३.
४.
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६.
१.
२.
३.
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हेमहंससूरि के पट्टधर हेमसमुद्रसूरि द्वारा प्रतिष्ठापित जिनप्रतिमाओं पर उत्कीर्ण लेखों का विवरण
क्रमांक संवत् माह तिथि दिन
| संदर्भ ग्रन्थ
१.
प्रतिष्ठालेखसंग्रह, लेखांक ५६९ वही, लेखांक ५७३ बीकानेरजैनलेखसंग्रह, लेखांक १२२६
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इस प्रकार है
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नागपुरीयतपागच्छ का इतिहास
वही, भाग२, लेखांक १२६६ वही, भाग २, लेखांक १३७४
१५१७ मार्गशीर्ष सुदि २ शनिवार १५१७ माघ सुदि १० सोमवार १५१८ माघ सुदि २ शनिवार
१५२१ वैशाख सुदि १३ सोमवार वही, लेखांक
१२९३
१४२१ माघ सुदि १२ बुधवार
जैनलेखसंग्रह, भागर, लेखांक ४४३ १५२८ वैशाख वदि ६ सोमवार बीकानेरजैनलेखसंग्रह लेखांक १२४९ हेमसमुद्रसूरि के पट्टधर हेमरत्नसूरि द्वारा प्रतिष्ठापित जिनप्रतिमाओं पर उत्कीर्ण लेखों का विवरण
१५३३ माघ सुदि ६
१५३३,, १५३७ मार्गशीर्ष सुदि १२
वह
उक्त अभिलेखीय साक्ष्यों के आधार पर जो पट्टक्रम निश्चित होता है,
प्रतिष्ठालेखसंग्रह, लेखांक ७६४ बीकानेर जैनलेखसंग्रह, लेखांक ११९१ जैनलेखसंग्रह, भाग-१, लेखांक ३५३
११५
पूर्णचन्द्रसूरि
हेमहंससूरि (वि० सं० १४५३-१५१३)
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हेमसमुद्रसूरि (वि० सं० १५१७ -१५२८)
हेमररत्नसूरि (वि० सं० १५३३-१५३७)
इस प्रकार तपागच्छीय अभिलेखीय साक्ष्यों में न केवल उक्त मुनिजनों के नाम मिलते हैं, बल्कि उनका पट्टक्रम भी ठीक उसी प्रकार का है जैसा कि चन्द्रकीर्तिसूरि द्वारा रचित सारस्वतव्याकरणदीपिका की प्रशस्ति में हम देख चुके हैं। सारस्वतव्याकरणदीपिका की प्रशस्ति में पूर्णचन्द्रसूरि के गुरु का नाम