Book Title: Sramana 1993 01 Author(s): Ashok Kumar Singh Publisher: Parshvanath Vidhyashram Varanasi View full book textPage 2
________________ सम्पादक डा० श्रशोक कुमार सिंह वर्ष ४४ प्रधान सम्पादक प्रो० सागरमल जैन १. आत्मोपलब्धि की कला : ध्यान जनवरी-मार्च, १९९३ प्रस्तुत प्रङ्क में २ आचार्य हरिभद्र और उनका योग --- डॉ० कमल जैन -महोपाध्याय मुनि चन्द्रप्रभसागर ३ डा० ईश्वरदयाल कृत "जैन निर्वाण : परम्परा और परिवृत्त' लेख में 'आत्मा की माप-जोख ' शीर्षक के अन्तर्गत उठाये गये प्रश्नों के उत्तर वार्षिक शुल्क चालीस रुपये सह-सम्पादक डा० शिव प्रसाद अंक १-३ - पुखराज भण्डारी ४. पल्लवनरेश महेन्द्रवर्मन "प्रथम" कृत मत्तविलास प्रहसन में वर्णित - धर्म और समाज दिनेश चन्द्र चौबीसा ५ सार्धं पूर्णिमागच्छ का इतिहास Jain Education International शिवप्रसाद ६. पार्श्वनाथ शोधपीठ परिसार जनवरी-मार्च १९९३ ७ पी० एच० डी० उपाधि प्राप्त ८. शोक समाचार ९. आचार्य श्री आनन्दऋषिजी की प्रथम पुण्यतिथि का आयोजन १७ शाकाहारी गाँव पूजा १ २८ ३५ ४२ ६० ६० ६१ ६१ ६२ एक प्रति दस रुपये यह आवश्यक नहीं कि लेखक के विचारों से सम्पादक अथवा संस्थान सहमत हों । For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.orgPage Navigation
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