Book Title: Sitaram Chaupai
Author(s): Agarchand Nahta, Bhanvarlal Nahta
Publisher: Sadul Rajasthani Research Institute Bikaner

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Page 3
________________ काजकीय श्री सादूल राजस्थानी रिसर्च इन्स्टीट्यूट बीकानेर की स्थापना सन् १९४४ में बीकानेर राज्य के तत्कालीन प्रधान मंत्री श्री के० एम० पणिक्कर महोदय की प्रेरणा से, साहित्यानुरागी बीकानेर-नरेश स्वर्गीय महाराजा श्री सादूलसिंहजी वहादुर द्वारा संस्कृत, हिन्दी एवं विशेषतः राजस्थानी साहित्य की सेवा तथा राजस्थानी भाषा के सर्वाङ्गीण विकास के लिये की गई थी। भारतवर्ष के सुप्रसिद्ध विद्वानो एवं भापाशास्त्रियो का सहयोग प्राप्त करने का सौभाग्य हमे प्रारभ से ही मिलता रहा है । संस्था द्वारा विगत १६ वर्षों से बीकानेर मे विभिन्न साहित्यिक प्रवृत्तियां चलाई जा रही हैं, जिनमे से निम्न प्रमुख हैं१. विशाल राजस्थानी-हिन्दी शब्दकोश , इस संबंध में विभिन्न स्रोतो से सस्था लगभग दो लाख से अधिक शब्दो का संकलन कर चुकी है। इसका सम्पादन आधुनिक कोशो के ढंग पर, लवे समय से प्रारभ कर दिया गया है और अब-तक लगभग तीस हजार शब्द सम्पादित हो चुके हैं । कोश मे शब्द, व्याकरण, व्युत्पत्ति, उसके अर्थ, और उदाहरण आदि अनेक महत्वपूर्ण सूचनाए दी गई हैं। यह एक अत्यत, विशाल . योजना है, जिसकी सतोषजनक क्रियान्विति- के लिये प्रचुर द्रव्य और श्रम की, आवश्यकता है । आशा है राजस्थान सरकार की ओर मे, प्रार्थित द्रव्य-साहाय्य उपलब्ध होते ही निकट भविष्य में इसका प्रकाशन प्रारंभ करना सभव हो सकेगा । २. विशाल राजस्थानी मुहावरा कोश- राजस्थानी भाषा अपने विशाल शब्द भडार के साथ मुहावरो से भी समृद है। अनुमानत पचास हजार से भी अधिक मुहावरे दैनिक प्रयोग मे लाये जाते हैं। हमने लगभग दस हजार मुहावरो का, हिन्दी मे अर्थ और राजस्थानी मे उदाहरणों सहित प्रयोग देकर सपादन करवा लिया है और शीघ्र ही इसे प्रकाशित करने का प्रवंच किया जा रहा है.। यह भी प्रचुर द्रव्य और श्रम-साध्य कार्य है।

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