Book Title: Siddhi Vinischay Tika Part 02 Author(s): Anantviryacharya Publisher: Bharatiya Gyanpith View full book textPage 3
________________ अब पुण्यश्लोका माता मूर्तिदेवीकी पवित्र स्मृतिमें तत्सुपुत्र साहू शान्तिप्रसादजी द्वारा संस्थापित भारतीय ज्ञानपीठ मूर्तिदेवी जैन-ग्रन्थमाला ܀܀܀܀܀܀܀܀܀܀܀܀܀܀܀܀܀܀܀܀ संस्कृत ग्रन्थाङ्क २३ इस ग्रन्थमालामें प्राकृत, संस्कृत, अपभ्रंश, हिन्दी, कन्नड, तामिल आदि प्राचीन भाषाओंमें उपलब्ध आगमिक, दार्शनिक, पौराणिक, साहित्यिक और ऐतिहासिक आदि विविध-विषयक जैन साहित्यका अनुसन्धानपूर्ण सम्पादन और उसका मूल और यथासम्भव अनुवाद आदिके साथ प्रकाशन होगा। जैन भण्डारोंकी सूचियाँ, । शिलालेख-संग्रह, विशिष्ट विद्वानोंके अध्ययन-ग्रन्थ और लोकहितकारी जैन-साहित्य ग्रन्थ भी इसी ग्रन्थमालामें प्रकाशित होंगे। wwwxwxwxwxxvMMMMMMMMMARAMANANASANASRAMANANAINAMANANAMAMAMINMAMINIMINAMANNAININNINNAMINAINA ग्रन्थमाला सम्पादक डॉ. हीरालाल जैन, एम० ए०, डी. लिट. डॉ. आदिनाथ नेमिनाथ उपाध्ये, एम० ए०, डी. लिट. प्रकाशक अयोध्याप्रसाद गोयलीय मन्त्री, भारतीय ज्ञानपीठ दुर्गाकुण्ड रोड, वाराणसी मुद्रक ज्ञानमण्डल यन्त्रालय, काशी फार्म ४७ से १०१ तक सन्मतिमुद्रणालय, काशी टाइटिल १ विक्रम सं० २००० स्थापनाब्द फाल्गुन कृष्ण वीर नि० २४७० सर्वाधिकार सुरक्षित है, किसी १८ फरवरी सन् १९४४ Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.orgPage Navigation
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