Book Title: Siddha Chakra Mandal Vidhan Pooja Author(s): Santlal Pandit Publisher: Shailesh Dahyabhai Kapadia View full book textPage 6
________________ [५] जल शुद्धि मन्त्र जलको शुद्ध करते समय कलशों पर चन्दन छिड़के और यह मन्त्र पढ़े-- ____ॐ ह्रां ह्रीं हूं ह्रौं हः नमोऽहते भगवते पद्ममहापद्मतिगिंछकेसरिपुण्डरीकमहापुंडरीकगंगासिंधुरोहिद्रोहितास्याहरिद्धरिकान्तासीतासीतोदानारीनरकान्तासुवर्णरूप्यकूलारक्तारक्तोदापयोधिशुद्धजलसुवर्णघटप्रक्षालितनवरत्नगन्धाक्षतपुष्पार्चितमामोदकं पवित्रं कुरु कुरु झं झं झौं झौं वं वं हं हं सं सं तं तं पं पं द्वां द्वां द्रीं द्रीं हं सः स्वाहा। - अंग शुद्धि सौगंध्यसंगतमधुव्रतझंकृतेन संवण्यमानमिव गन्धमनिन्द्यमादौ । आरोपयामि विबुधेश्वरवृन्दवन्द्यं पादारविन्दमभिवंद्य जिनोत्तमानाम्।। ॐ ह्रीं अमृते अमृतोद्भवे अमृतवर्षिणी अमृतं स्रावय स्रावय सं सं क्लीं क्लीं ब्लू ब्लूँ द्रां द्रां द्रीं द्रीं द्रावय द्रावय सं हं क्ष्वी क्ष्वी हं सः स्वाहा। ॐ ह्रां ह्रीं हूँ ह्रौं ह्रः अ सि आ उ सा अस्य सर्वाङ्गशुद्धिं कुरु कुरु स्वाहा। ___ गन्धं आरोपयामि। (सब अपने शरीर पर हाथ फेरें) वस्त्र शुद्धि. धौतान्तरीयं विधुकान्तिसूत्रैः सद्ग्रन्थितं धौतनवीनशुद्धम्। नग्नत्वलब्धिर्नभवेच्च यावतू संधार्यते भूषणमूरूभूम्याः॥ संव्यानमंचद्दशया विभान्तमखडधौताभिनव मृदुत्वम्। संधार्यते पीतसितांशुवर्णमंशोपरिष्टाद् धृतभूषणांकम्॥Page Navigation
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