Book Title: Siddh Hemchandra Vyakaranam
Author(s): Himanshuvijay
Publisher: Anandji Kalyanji Pedhi

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Page 8
________________ अतुलथीने वर्तमानमा अनेक साहित्य अने नवलकथाओ प्रमान थई छे. आथी तेमनु चरित्र जेटलं आपq होय तेटलं आप शायजेम ले पण ते बधुं नहि आपता मात्र जन्म, दीक्षा, आचार्यपक विगेरेनी तेमनी टुंक विगत आपीए छोए. ___आ आचार्यदेवनो जन्म वि. सं. ११४५ कार्तिक सुदी १५ना रोज धंधुकामां थयो हतो, तेमना पितानुं नाम चाचिग, मातानुं नाम पाहिनी अने तेमनुं नाम चांगदेव राखवामां आव्युं हतुं. माता पूर्ण जैनधमेनी रागी हुती अने पिता जैनधर्मी न हता. पांच वर्षनी उमर - ना चाचिगने लई माता चंद्रगच्छना प्रद्युम्नसरिना शिष्य गुणसेनसूरिना शिष्य देवचंद्रसरिने वांदवा गया. बाळा चाचिग गुरुमहाराज दर्शन करवा गया हता एथी तेमनुं आसन खाली हतुं त्यां बेसी गयो. गुरुए आव्याबाद तेनी आकृति देखी अने तेनामां तेमने जैनशासननी प्रभावना करवानां अद्वितीय लक्षणो देखायां. देवचंद्रसरिए उदयन मंत्रीनी कुनेहथी चाचिग अने पाहिनीनी संमतिथी वि. सं. ११५० मां दीक्षा आपी. दीक्षा वखते तेमर्नु नाम सोमचंद्र पाडयुं. - दीक्षाबाद नागपुरमा वृद्धमुनिं साथे गोचरीए जतां कोइ गृहस्थना आंगणामां कोलसारुप थयेल निधि सोमचंद्रना हस्तस्पर्शथी मूळ सुवर्णस्वरुपे थयो, त्यास्थी आ सोमचंद्र हेमचन्द्रना नामे प्रसिद्ध थया. दीक्षा बाद हेमचंद्रसूरिए सरस्वतीदेवीने साधना की प्रसन्न करी तथा देवेन्द्रसूरि बने मलयगिरिजी साथे सिद्धचक्र मंत्रने गिरनार अपर सिद्ध कर्यों अमे विमळेश्वरदेवनां वरदानो मेळव्या. आ पछी बि. स. १.१६६ ना वैशाख सुदी ३ ना दीक्से गुरुए तेमने आचार्य-पदारुद कया. चरित्र ७ सोमतिकककृतकुमारपालचरित्र. ८ रिद्रकृतमा रपालपस्त्रि चतुर्विशतिबंध १० विविधतीर्थकरमा रका प्रबंध, १९ कुमारपाल प्रतियोष प्रबंध १३ मा T रास विगेरेविगेरे. . . "

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