Book Title: Siddh Hemchandra Vyakaranam
Author(s): Himanshuvijay
Publisher: Anandji Kalyanji Pedhi

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Page 12
________________ महेन्द्रसरिए अनेकार्थ कैरक्कौमुदी, गुणचंद्रगणिए स्वोपशव्या . लंकारवृत्ति वर्धमानगणिए कुमारविहार प्रशस्तिकाव्य विगेरे ग्रंथोनी रबमा करी छे. __ आम शासननी प्रभावना करता आचार्य चोराशी वर्षनी उम्मरे पहोंच्या अने कुमारपाळ ८० वर्षनी अवस्थाए पहोंच्यो. हेमचंद्रशरिए पोताना पट्टधर तरीके रामचंद्रयस्नेि स्थाप्या, आथी बालचंद्र अने केटलाक असंतुष्टो तेमना विरोधी बन्या. आम हेमचंद्रसूरिना छल्ला काळमां तेमना शिष्य मंडळमां खटपटे जोर पकडयु. ___कुमारपाळे हेमचंद्रसरिना निर्वाण बाद पोताना भाणेज प्रतापमल्लने राज्यगादीए बेसाडवानो निर्णय कर्यों. आ वातनी खबर राजाना भत्रीजा अजयपाळने पडी, तेणे राजाने झेर अपाव्यु, कुमार पाळ राजा हेमचंद्रसूरिना निर्वाण बाद छ महिने मृत्यु पाम्या. आ पछी अजयपाळ गादीए आव्यो तेणे कुमारपाळना प्रशंसको अने हेमचंद्रदरिना शिष्यो अने भक्तोने पुष्कळ रंजाड्या. रामचंद्रसरिने तपावेला कटाह उपर बेसाडी मारी नाख्या. आम सर्वोचशिखरे पहेलि गुजरातनु राज्य अजयपाळना वखतमां वैरनो बदलो लेवामा फेरवा. कलिकालसर्वज्ञहेमचंद्रमरिए सिद्धहेमशब्दानुशासन उपर रहस्यः इत्ति, लघुपत्ति अने बृहकृति एम प्रण वृत्तिओ बनाबी छे. आमा रहस्यवृत्ति अने.लघुत्ति सात अध्यायनीज उपलब्ध थाय छे. या ग्रंथमा आपबामा बावेल सात अध्यायनी वृत्ति ए लघुवृत्ति छे अने आठमा कच्यायनी वृत्ति ए* वृहद् वृत्ति छे. वि.सं. १९९१मा आग्रंथ शेठ आणंदजी कल्याणजीनी पेटीए स्व. पूज्य मुनिराजश्री हिमांशुविजयद्वारा संपादित कराव्यो हतो, परंतु ते ग्रंथनी प्रतिओ छल्ला पांच वर्षथी खलास थयेली होवाथी तेना पुनर्मुद्रणनी इच्छा पेढीने थई अने मने तेनुं पुनर्मुद्रण करवातुं सोप्यु. . .शुमो हेमसमीसा प्रस्तावना.

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