Book Title: Shrutsagar 2016 11 Volume 03 06
Author(s): Hiren K Doshi
Publisher: Acharya Kailassagarsuri Gyanmandir Koba

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Page 11
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir श्रुतसागर नवम्बर-२०१६ एक शूद्र को पहले खाना दे दिया. सास कच्चे कर्ण की व मिथ्यादृष्टि थी, उसने बहू अंबिका को घर से निकाल दिया, अपने दोनों पुत्रों को लेकर अंबिका निकल पड़ी, रास्ते में बच्चे भूख व प्यास से निढाल हो गए, सरोवर के किनारे बैठकर अंबिका चिंतित हो रही थी, वहीं पर दान व शील के प्रभाव से अकालवृष्टि हुई, सरोवर पानी से भर गया, बांझ आम्र वृक्ष को भी फल लग गए. अंबिका ने बच्चों को फल खिलाया व पानी पिलाया. ___ उधर सास ने घर में जाकर देखा तो दान के प्रभाव से बाजोठ, बर्तनादि सोने के हो गये थे. विस्मित होकर अपने पुत्र से कहा कि बहू को ढूँढकर ले आओ. अपने पति को आते हुए देखकर अंबिका वहाँ से चल पड़ती है और सोचती है कि जरूर मेरा पति मुझे मारने के लिये आ रहा है, यहाँ मुझे बचाने वाला कोई नहीं, ऐसा सोचकर वह बच्चों को लेकर एक कुएँ में कूद जाती है. पति यह देखकर सोचता है कि यह तो मर गई, अब घर जाकर कैसे मुँह दिखाउँगा, अब तो इसके चरणों मे ही मेरी शरण है ऐसा सोचकर वह भी उसी कूएँ में कूद जाता है. अंबिका प्रभु स्मरण व दान अनुमोदना के साथ मरकर सौधर्म देवलोक से चार योजन नीचे स्थित कोहण्ड विमान में महर्द्धिक देवी के रूप में उत्पन्न हुई और उसका पति आभियोगिक देव बनकर सिंह रूप धारण कर अंबिका देवी का वाहन बना. रत्नश्रावक को देवी स्वप्न देती है और श्रावक गिरनारतीर्थ पर बालब्रह्मचारी श्रीनेमिनाथजी की रत्नप्रतिमा व अंबिका की स्थापना करता है. जो भगवान श्री नेमिनाथजी की उपासना करता है, उसके संकट अंबिका देवी दूर करती है. किसी भी समय कहीं भी प्रभु भक्तों की रक्षा हेतु यह देवी सदा जाग्रत व तत्पर रहती है. अंबिका देवी चारभुजायुक्त है, दाहिने दो हाथों में झुलता हुआ आम्रगुच्छ व पाश को धारण करती है. बाँये दो हाथों में पुत्र व अंकुश को धारण करती है. निर्वाणकलिका ग्रंथ में दक्षिण कर में आम्रगुच्छ की जगह मातुलिङ्ग का पाठ मिलता है. (तस्मिन्नेव तीर्थे समुत्पन्नां कुष्माण्डी देवी कनकवर्णा सिंहवाहनां चतुर्भुजां मातुलिङ्गपाशयुक्तदक्षिणकरां पुत्राङ्कुशान्वितवामकरां चेति॥) अंबिका को अंबिणी, कोहिंडी, कोहंडी आदि भी कहा गया है. कोहंड For Private and Personal Use Only

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