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विगई में से निरन्तर एक विगई (मूल से अथवा कच्ची) का त्याग करना।
(४) उपानह-जूता, चप्पल, मोजे आदि की संख्या निश्चित करना।
(५) तम्बोल-सुपारी, इलायची आदि मुखवास खाने का निश्चित करना।
(६) वस्त्र-दिन में अमुक कपड़े पहनने की संख्या निश्चित करना।
(७) कुसुम-सूघने की वस्तु का वजन निश्चित करना।
(८) वाहन-गाड़ी, घोड़ा, ऊँट, मोटर, ट्रेन, ट्राम, बस आदि वाहनों में बैठने की संख्या निश्चित करना।
. (६) शयन-शय्या, प्रासन, गादी पर बैठने की संख्या निश्चित करना।
(१०) विलेपन--शरीर पर विलेपन करने की वस्तु का माप निश्चित करना।
(११) ब्रह्मचर्य-यथाशक्ति इसका नियम लेना।
(१२) दिशि—दसों दिशाओं में जाने की मर्यादा निश्चित करना।
(१३) स्नान- स्नान की गिनती निश्चित करना।
श्रावकवत दर्पग-३१