Book Title: Shravakvrat Darpan
Author(s): Kundakundacharya
Publisher: Swadhyaya Sangh

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Page 51
________________ मिल भी जाय तब भी उसमें सफलता नहीं मिलती। इसीनिये जीवन में उदारता लाने के लिये हमेशा कुछ-न-कुछ दान धर्म का आचरण करना जरूरी है। __ औदार्य गुण अनेक गुणों की खान है। उदार पुरुष जलती अगरबत्ती के समान है। वे स्वयम् जलकर भी दूसरों को सुगन्ध देते हैं और आसपास के वातावरण को भी मघमघायमान करते हैं। ऐसे उदार श्रावक ही अपने जीवन की पवित्रता और उदारता से विश्व में जनशासन के प्रभाव का विस्तार करते हैं। श्रावकवत दर्पण-४२

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