Book Title: Shravaka Pratikramana Sutra
Author(s): Vijaymuni Shastri
Publisher: Sanmati Gyan Pith Agra
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व्याख्या
१५६
संक्षिप्त प्रतिमामान
.
जं
9.
जं . मणेण बद्ध, मंजं भागाए भासियं पावं मं काएण कयं, मिच्छामि दुक्कडं तस्य
-आवश्यक सूत्र
खामेमि सन्चे जीवे,
सव्वे बोना खमन्तु में । मित्ती मे सव्वभूएसु, वेरं मञ्झं न केणइ ॥
: ३ : सव्वस्य
समणसंघस्य, भगवभो अंबलि करिअ सीसे । सव्वे
खमावइत्ता खमामि, सव्वस्स अहयं पि ॥
आयरिए
उवज्झाए, सीसे साहम्मिए कुलगणे य । जे मे केइ कसाया,
सव्वे तिविहेण खामेमि ।
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