Book Title: Shivkosha Author(s): Ghasilal Maharaj Publisher: Karunashankar Veniram Pandya View full book textPage 6
________________ जन एवं सुज्ञजन इस कार्य को अपना कर के मेरे उत्साह को चढावें जिससे आचार्य श्री के अन्य अप्रसिद्ध ग्रन्थों को प्रकाशित करने कि विचारणा कर सके. इति शम् सुज्ञेषु किं बहुना और अधिक क्या कहें ? इस ग्रन्थ का प्रकाशन होने के पहले से सौ प्रत के ग्राहक बनने के लिये श्रीमती अ. सौ. पानकुवर बहेन घोंगडमलजी कानुंगा गढसिवाना वाले ने अपना नाम देकर मुझे प्रोत्साहित किया है अतः आपका सधन्यवाद आभार प्रकट करता हूँ । + पंडित करुणाशंकर वे पंडया, काव्यतीर्थ ता. क. - यह ग्रन्थ बहुजनोपयोगी हो इस भावना से केवल पडतर कीमत से ही देने को रखा है. Jain Education International प्राप्तिस्थान पंडित करुणाशंकर हि० डाँ० गांधी की चाल चमनपुरा न ० ९२/१० अहमदाबाद For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.orgPage Navigation
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