Book Title: Shastravartta Samucchaya Part 4 Author(s): Haribhadrasuri, Badrinath Shukla Publisher: Divya Darshan Trust View full book textPage 7
________________ ! विषय व्याप्ति बिना असत्व के ज्ञान का असंभव कपाल में घटाभाव तादात्म्य मानने में क्षणिकत्वभंग .... ४३ ४४ घटका असत्व भाव से विपरीत है। उत्पत्ति-नाश के कारण सत्र असत्व में ऐक्य प्रसंग नहीं है ४२ पंडितमान धर्मकीति मत का उपक्रम विकल्प प्रयोग अवस्तु में नहीं हो सकता धर्मकीति का विस्तृत पूर्वपक्ष योग्यानुपलब्धि का निर्वचन उदयन प्रोक्त योग्यता का निराकरण असत् पदार्थ का भी शाब्दिक भान धर्मकीति का प्रत्युत्तर नष्टभावपुरुद्गमापत्ति का प्रतीकार धर्मकीति मत का प्रतिक्षेप प्रारंभ अभाव में विकरूपासंभवोक्ति का विरोध कुछ नैयायिक सम्मत सप्तम्यर्थं निरूपितत्वपूर्वपक्ष ५१ ५२ ५३ सप्तम्यर्थ सम्बन्धी नैयायिकमत प्रतिक्षेप जाति में समवाय से सत्ता शंसय तदवस्थ सप्तम्यर्थ निरूपितत्व- समवेतत्व नव्यपरिष्कार ५३ ५५ .... www. नव्यमत में नवीन अनुपपत्तियां भाव का अभवन अभाव भवन के ऐक्य में शंका बोद्धपक्ष में विरोध का उद्भावन द्रव्यात्मक रूप से वस्तुस्थैर्यसिद्धि प्रभाव-भाव भिन्नतावादी नैयायिक का VIR पृष्ठ ४० www ४१ ४२ ४५ ४५ ४६ ४८ ૪૬ ४९ ५० ५० ५६ ५.७ ५९ पूर्वपक्ष ६० अभावव्यवहार में प्रतियोगिज्ञान अनपेक्षित ६१ अधिकरण-अभाव अभेदपक्ष में गौरव अनुगत व्यवहार भेद पक्ष में अघटित भेद पक्ष में संबंध की उपपत्ति प्रत्यक्ष योग्य अभाव का स्वरूप संबंध योग्यतावच्छेदकावच्छिन्नस्वरूप की संसर्गता - नैयायिक ६५ । ६३ ६३ ६४ ६५ विषय पृष्ठ ६७ ६८ ६८ मत्वर्थ संबंध के बारे में शंका का निवारण ६६ प्रमा-भ्रम का वास्तव भेद निरूपण प्रभाव अधिकरण भेद-उत्तरपक्ष अभेद में बाधकतत्त्व का निरसन घटाभावभावत्व को घटत्वादिरूप मानने में अनुपपत्ति ६९ अभाव के अभाव को प्रतियोगिभिन्न मानने में गौरव ७० अभाव का स्वतन्त्र बोध न होने में तर्कपूर्व पक्ष ७१ .... नैयायिक के कार्यकारणभाव में आपत्ति धारा ७१ अभावाधिकरण भेदपक्ष में कल्पना गौरव ७३ अभेद पक्ष में कल्पना लाघव ७३ ७४ ૪ आधार - आवेय भाव को उपपत्ति कसा अधिकरण घटाभाव ? द्रव्य और पर्याय का भेदाभेद सम्मत अभावाधिकरणाभेद पक्ष में मोक्षपुरुषार्थं की उपपत्ति ७५ ७५ ७६ W4+N www. नैयायिक मत में गौरव दोष आधारता का अभाव अप्रामाण्यरक्षक नहीं होगा ७६ प्रागभाव - ध्वंस दोनों की अनुपपत्ति की आशंका ७७ ७७ ७८ अभाव द्रव्य पर्याय उभयस्वरूप है आत्माश्रय दोष का परिहार पूर्वोत्तरक्षणात्मक प्रागभाव ध्वंस - ऋजुसूत्र ७८ स्वतन्त्रनाशप्रतीति की शंका का विलय विभक्त कपालखंड ही घटनाश है..... शून्य अधिकरणबुद्धि हो अभाव है - प्रभाकर ८१ घट की विद्यमानता में अभाव की आपत्ति ७९ ८० 4445 नहीं है ५१ घटवत्ता का ज्ञान होने पर भी अभाव व्यवहार की आपत्ति की शंका ८१ घट-घटाभाव के व्यवहार में विरोध भंग की आपत्ति ८२Page Navigation
1 ... 5 6 7 8 9 10 11 12 13 14 15 16 17 18 19 20 21 22 23 24 25 26 27 28 29 30 31 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69 70 71 72 ... 248