Book Title: Shantinath Charitram Author(s): Kanchanvijay Publisher: Kanchanvijay View full book textPage 4
________________ मुद्रक शेठ देवचंद दामजी आनंद प्रिन्टींग प्रेस स्टेशन रोड, भावनगर. सुधासोदरवाग्ज्योत्सना-निर्मलीकृतदिङ्मुखः। मृगलमा तमाशान्त्यै, श्रीशांतिनाथजिनोऽस्तु वः ॥ -कलिकालसर्वज्ञ श्रीमद् हेमचंद्राचार्य हित्वा संसारहेतूनि, यो रत्नानि चतुर्दश । स्वीचक्रे मुक्तिदां रत्न-त्रयी शान्तिः स वोऽवतात् ।। -वेणीकृपाण श्रीमद् अमरचंद्रसरि | वीर संवत् २४६६ विक्रम संवत् १९९६ ईस्वीसन् १९४०Page Navigation
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