Book Title: Shanti Pane ka Saral Rasta Author(s): Chandraprabhsagar Publisher: Jityasha Foundation View full book textPage 3
________________ संकल्प कीजिए कि मैं हर हाल में शांतिमय रहूँगा। शांति ही मेरी पूंजी है और शांति ही मेरी वसीयत। शांति ही मेरा धर्म है और शांति ही मेरी मोहब्बत। मैं ऐसा कोई कार्य नहीं करूँगा जिससे मेरी शांति भंग हो। शांति को अपनी सहेली बनाइए और उसे सदा अपने साथ रखिए। दिमाग़ में जब । भी चलाएँ शांति का ही चैनल चलाएँ। -श्री चन्द्रप्रभ Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.orgPage Navigation
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