Book Title: Sazzayamala Author(s): Shravak Bhimsinh Manek Publisher: Shravak Bhimsinh Manek View full book textPage 3
________________ प्रस्तावना. बेवट आ प्रस्तावना पुरी करता पहेलां अमो अमारा साधर्मीने विनं तीपूर्वक निवेदन करीए बीए के, आ सद्यायमाला ग्रंथ नक्ति अने वैराग्य ना आनंदने आपनारो बहु रतीक होवाथी तेनो अवश्य वांचीने लान लेशो एवी अमारी प्रार्थना दे. दली अमोए आ सद्यायमाला ग्रंथ बपाव ती वखते यथामति पुरतुं ध्यान आपीने शुझ कयों ने बतां को ठेकाणे दृष्टिदोषथी अशुद्धपणुं रही गयुं होय तो तेनुं अमारा साधर्मी बंधु पासे 'मिठामि उक्कड' मागीए बीए. शुनं नवतु. - - op - - - -- -- - - -- - -Page Navigation
1 2 3 4 5 6 7 8 9 10 11 12 13 14 15 16 17 18 19 20 21 22 23 24 25 26 27 28 29 30 31 32 ... 425