Book Title: Satya Dipak ki Jwalant Jyot
Author(s): Kiranyashashreeji
Publisher: Atmanand Jain Sabha

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Page 11
________________ * जयन्तु वीतरागाः * * श्री आत्म-वल्लभ-समुद्र-इन्द्रदिन सद्गुरूभ्यो नमः * Jain Education International विजय जनकचन्द्र सूरि जनसंद-सूरिनी विदुषी सुसंयमिता सा.डिलमाशा श्रीनै अनु दहलान 4-92-69 Gs सुजशाता तमोखे निष्ठा रखने पश्चिम दराने. प्रा. सेयंडा मुकाम पूर्व यु ले भने सानंदथ्यो आपला सम हाय मांत मौसे पूर्वदरा ते सनईशः धन्यवाद तमारा संशोधन डार्मचा समार्थ झालान्चित अवश्य शे तमारा साार्य विस्सल सूरि 81-011 समहायन शोलामा अलि दिनु दिल्यानंहसूर स्वर्गारोहणशताध्विर्मनाप्रसंगे सादार्य पूर्व तेजा विशेष सलिनंदमय जलगर्नु चतुर्मास 1995 लुधियाना (पंजाब) महावीर भवन, पुरामा बाजार, दरेसी, शाही दवाखाना के समीप, लुधियाना-141008 दूरभाष 0161-35707 For Private & Personal Use Only तिथि मारा भावना www.jainelibrary.org

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