Book Title: Sarva Mangal Manglyam
Author(s): Padmaratnasagar
Publisher: Mahavir Jain Aradhana Kendra Koba

View full book text
Previous | Next

Page 134
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir इन्द्र-धरणेन्द्रचक्रर्वत्यादिपूजितपादपद्माय केवलज्ञान लक्ष्मी - शोभिताय जिनराजमहादेवाष्टादशदोष-रहिताय षट्चत्वारिंशद्गुणसंयुक्ताय परमगुरुपरमात्मने सिद्धाय बुद्धाय त्रैलोक्यपरमेश्वराय देवाय सर्वसत्त्वाहितकराय धर्मचक्राधीश्वराय सर्वविद्यापरमेश्वराय त्रैलोक्यमोहनाय धरणेन्द्र - पद्मावतीसहिताय अतुलबलवीर्यपराक्रमाय अनेक दैत्य- दानवकोटिमुकुटघृष्टपादपीठाय ब्रह्माविष्णु-रुद्रनारद - खेचरपूजिताय सर्वभव्यजनानन्दकराय सर्वजीवविघ्न निवारणसमर्थाय श्रीपार्श्वनाथदेवाधिदेवाय नमोऽस्तु ते श्रीजिनराजपूजनप्रसादाद् मम सेवकस्य सर्वदोषरोग-शोकभयपीडाविनाशनं कुरु कुरु सर्व शान्ति तुष्टिं पुष्टिं कुरु कुरु स्वाहा. ॐ नमो श्रीशान्तिदेवाय सर्वारिष्टशान्तिकराय ह्राँ ह्रीं हूँ हैं ह्रः असिआउसा मम सर्वविघ्नशान्तिं कुरु कुरु श्री संघस्य अमुकस्य मम तुष्टिं पुष्टिं कुरु कुरु स्वाहा श्री पार्श्वनाथ पूजनप्रासादाद् मम अशुभान् पापान् छिन्धि २, मम अशुभकर्मोपार्जितदुःखान् छिन्धि २, मम परदुष्टजनकृत मंत्र-तंत्र - दृष्टि - पुष्टि - छलच्छिद्रादि १२६ For Private And Personal Use Only

Loading...

Page Navigation
1 ... 132 133 134 135 136 137 138 139 140 141 142 143 144 145 146 147 148 149 150 151 152 153 154 155 156 157 158 159 160 161 162 163 164 165 166 167 168 169 170 171 172 173 174 175 176 177 178 179 180