Book Title: Sarva Mangal Manglyam
Author(s): Padmaratnasagar
Publisher: Mahavir Jain Aradhana Kendra Koba

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Page 177
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir वास्तुक० ९ संवेगी आतम गुण रंगी, सुखसागर गुरु राया, गामो गाम विहार करंता, विद्यापुरमां आया रे. ए वास्तुक० १० चढते भावे हर्ष उल्लासे, कीधी रचना एह, भव्यजीवने अमृत सम ए, चातकने जेम मेह रे. ए वास्तुक० ११ शांति तुष्टि सुख संपदा थावे, रोग शोग दूर जाय, बुद्धिसागर शाश्वतपद लही, मुक्तिवधू सुख पाय रे. ए वास्तुक० १२ श्री शंखेश्वर पास प्रभुजी, गातां सुख विशाळ, श्री विद्यापुर सकळ संघणां, होवे मंगळ माळ रे. ए वास्तुक० १३ मंत्र - ॐ नमो भगवते जलं० चंदनं० यजामहे स्वाहा । ।। इति श्री बुद्धिसागरसूरिजीकृत वास्तुक पूजा समाप्त ।। गुरु गुण स्तुति आत्मज्ञानी महानयोगी ज्ञानी ध्यानी अध्यात्मी अष्टोत्तरशत ग्रंथ प्रणेता ज्ञाननिधि ने गुणोदधि १६९ For Private And Personal Use Only

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