Book Title: Sarva Dukho Se Mukti
Author(s): Dada Bhagwan
Publisher: Dada Bhagwan Foundation

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Page 26
________________ सर्व दुःखों से मुक्ति ४२ सर्व दुःखों से मुक्ति दादाश्री : तो बाहरवाले महादेवजी की ही भक्ति की है? प्रश्नकर्ता : बाहरवाले ही तो सब दिखाते है। दादाश्री : मगर अंदर जो है न, वो ही सच्ची बात है। इससे बड़ा देव कोई नहीं है। जहाँ तक इसकी पहचान न हो वहाँ तक दूसरे देव की भक्ति करनी चाहिये। प्रश्नकर्ता : पहले बाहर का ही कुछ होगा तो अंदर जायेगा न? दादाश्री: मगर अंदर के जो साक्षात्कार हो गये तो काम पूरा हो जाता है। बाहरवाले की भक्ति तो बहत दिन से करते है. कितने जन्म से करते है, फिर भी पूरी नहीं हो होगी। वो तो जन्मोजन्म चालू ही रहेगी। कितने जन्म से ये बाहर का ही करते है लेकिन अंदरवाले की पहचान कभी नहीं हुई। प्रश्नकर्ता : वो अंदरवाले की पहचान कैसे हो? दादाश्री : वो 'ज्ञानी पुरुष' करा सकते है। कृपा से सब कुछ होता है, फिर साक्षात्कार हो जाता है और वो कभी जाता नहीं है, फिर दिन-रात पल-पल उसकी ही भक्ति होती है। दादाश्री : पहले तो आप Father कैसे हो गये? क्या सच्चे Father हो गये? Certified father है आप? Father कैसे होने चाहिये? Certified Father होने चाहिये और Mother भी certified होनी चाहिये। ये तो without any certificate father-mother हो गया। वो बच्चे ने कुछ छोटी सी गलती की, तो उसको मार मारेंगे। अरे, Father-Mother किस तरह से हो गये? जब कि आपके पास कोई भी सर्टिफिकेट नहीं है?! __Father-Mother की जिम्मेदारी कितनी है? कि जैसे ये Prime minister साहब है, उनको सारे हिन्दस्तान की जिम्मेदारी है. वैसे आपको चार लडके की जिम्मेदारी है। वो जिम्मेदारी तो समझता नहीं और Father हो गये है और बोलते है, हम लडके के Father है! एक लडके का Father था। वो लडके की Mother को बोलता था कि, 'देख, देख, देख। अरे, किधर गई, इधर आ। देख, ये अपना लडका क्या कर रहा है! पाँव ऊँचा करके मेरी जेब में से दो आने निकाल लिए। कितना होशियार हो गया है।' और फिर Mother आई और यह देखकर खुश हो जाती है कि अपना बेटा कितना होशियार हो गया है। ऐसा कौन बोलते है? लडके के Father-Mother बोलते है। वो बेटा समझता है कि ओहोहो! मैंने आज बहुत बड़ा काम किया। ये तो बेटे को चोर बना रहे है!! माँ-बाप की जिम्मेदारी का कुछ भान ही नहीं है और माँ-बाप हो बैठे है। Responsibility होगी कि नहीं? प्रश्नकर्ता : हाँ। तो फिर certified father-Mother याने क्या? दादाश्री : Certified याने संस्कारी होना चाहिये। संस्कारी नहीं है, तो पहले संस्कार सीखने चाहिये। जहाँ संस्कारी पुरुष रहते है, वहाँ जाकर संस्कार समझ लेने चाहिये. कि बच्चों के साथ कैसा बर्ताव रखना, wife के साथ कैसा बर्ताव रखना चाहिये। वो सब समझ लेना प्रश्नकर्ता : ज्ञानी की पहचान कैसे हो कि ये 'ज्ञानी' है? दादाश्री : वो हमें ऐसा साक्षात्कार कराये और वो साक्षात्कार सफल हो जाये तो हमें समझ जाने का कि ये 'ज्ञानी' है। सफल नहीं हुआ तो अज्ञानी है ऐसा समझ जाने का। दूसरी क्या परीक्षा करने की? साक्षात्कार तो होना चाहिये न? उधार नहीं चाहिये। नग़द ही चाहिये। माँ-बाप की जिम्मेदारी कितनी? प्रश्नकर्ता : अपना बच्चा हो, तो बाप को अपनी duty समझकर उसके साथ कैसा व्यवहार करना चाहिये?

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