Book Title: Sarva Dukho Se Mukti
Author(s): Dada Bhagwan
Publisher: Dada Bhagwan Foundation

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Page 36
________________ सर्व दुःखों से मुक्ति अपने कोई सगे ही नहीं रहते है। बोलते है न कि ये मेरी माँ है, तो वो भी real सगाई नहीं है। ये body के साथ भी real सगाई नहीं है, तो mother के साथ real सगाई कैसे हो सकती है? वो सब relative है। ६१ Mother के साथ real सगाई हो तो माँ मर जाये, तो उसके दो-चार लड़के हो तो वो भी उसके साथ मर जाते। मगर कोई माँ के साथ नहीं मर जाता न?! वो relative सगाई है। relative याने body का आधार है। ये body भी relative है और उसका आधार भी relative है, real नहीं है। Mother के साथ blood relation है और friend होगा, तो उसके साथ neighbour relation है। मगर सब relation ही है खाली । व्यवहार में शंका ? - समाधान विज्ञान से ! कोई आदमी अपने यहाँ आता है और एक दिन हमारे कोट की जेब में से दोसो रुपये ले गया और ये भाई ने देख लिया। मगर दूसरे किसी ने नहीं देखा। ये भाई ने बोल दिया कि ये आदमी आपकी जेब में हाथ डालके कुछ रुपये ले गया। तो मेरी समझ में आ जायेगा कि ये आदमी हमारे दो सो रुपये ले गया। मगर दूसरे दिन फिर हमारे पास आयेगा तो हमको उसके लिए शंका नहीं होगी। ऐसे कितने आदमी को शंका नहीं होगी ? प्रश्नकर्ता: नहीं, सबको शंका तो हो ही जाएगी। दादाश्री : तो जब तक शंका है, वहाँ तक आपको ज्ञान नहीं है। ये आदमी आये और कुछ ले जाये, मगर हमको शंका नहीं होगी। कोई ले सकता ही नहीं, ये दुनिया ऐसी है। वो आदमी दूसरी दफे भी ले जायेगा, तो उसका कुछ passport है, उससे ही लेता है। नहीं तो कोई कुछ भी ले सकता ही नहीं। ये दुनिया में किसी के हाथ में ड जाने की खुद की शक्ति नहीं है। All are tops !! जो खुद की शक्ति सर्व दुःखों से मुक्ति है, वो उसको मालूम नहीं है। हम निःशंक है, कौनसे आधार से ये करता है, वो हम जानते है । कोई आदमी कुछ भी ले सकता है तो उसके पीछे कुछ आधार है। नहीं तो कोई आदमी कुछ ले सकता ही नहीं। वो आधार जिसको मालूम हो गया, फिर उसको क्या परेशानी? उसको किसी के साथ झगडा करने की जरूरत ही नहीं है। आपको अभी थोडी शंका हो जाती है? पूरे निःशंक नहीं हो जाये, तब तक शंका हो जायेगी। ६२ ये world में किसी से कोई चीज हो सकती ही नहीं। क्योंकि this is a result. जन्म हुआ, वहाँ से last station तक result ही है खाली । परीक्षा अंदर हो रही है, मगर उसको मालूम नहीं है। जब result आता है तो झगडा करता है, कि ये आदमी हमारा पैसा ले गया। इससे संसार खड़ा है। सच्ची द्रष्टि नहीं है, इससे सब दुःख है। कोई आदमी कुछ भी कर सकता ही नहीं। जो आगे से type हो गया है वो ही बात है इसमें। हमारे को किसी के साथ मतभेद नहीं है। कोई रुपये ले जाये, उसके साथ भी मतभेद नहीं है। वो आदमी फिर आये तो हम उसको बोलेंगे, 'आओ, बैठो !' ऐसा नहीं बोलेंगे तो हमको उसके साथ द्वेष हो जायेगा और हमारी समाधि चली जायेगी। जिधर द्वेष है, वहाँ समाधि नहीं है। मगर हमको निरंतर समाधि रहती है। ऐसा 'अक्रम विज्ञान' आज खुल्ला हुआ है। ये world क्या चीज है? कैसे चल रहा है? कौन चलाता है? वो दोसो रुपये ले गया है, वो कैसे ले गया? वो सब चाबी हमारे पास है। क्योंकि ये विज्ञान सर्व समाधानी विज्ञान है। सर्व समाधानी याने at any place, at any time, at any संयोग। सांप आये, बड़े लूटेरे आये, तो भी ये विज्ञान वहाँ समाधान देता है। पिछले जन्म की पत्नी का क्या? प्रश्नकर्ता : ये भाई गृहस्थी में ब्रह्मचारी है, 'सात प्रतिमा' है

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