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सर्व दु:खों से मुक्ति
सर्व दु:खों से मुक्ति
मतभेद होगा? अभी तो ऐसा कुछ बोलती ही नहीं है और हमारा दर्शन करती है।
बीबी से Adjustment की चाबी! प्रश्नकर्ता : अपनी बीबी-बच्चों से adjustment कैसे करना?
दादाश्री : बीबी के साथ कभी झगडा नहीं करने का। बीबी झगडा करे तो हमें बोलने का कि किस लिए झगडा करती हो? इसमें क्या फायदा है? फिर भी वो बोलती है तो बोलने दो, कोई एतराज नहीं।
में वो जागेगी और उसी रूम में मैं जागँगा। इसमें फायदा क्या है? बीबी हमको गाली देगी. मगर बीबी को हम गाली नहीं देगा। बीबी को हम नहीं मारेगा।' मैंने कहा, 'क्यों?' तो कहता है कि, 'बीबी तो हमको सुख देती है। बीबी कितना अच्छा खाना बनाती है, अच्छा मटन भी बनाती है। फिर उसके साथ ही क्युं झगडने का? हम तो पुलीसवाले को मारेगा, बाहरवाले को मारेगा, घर में किसी को नहीं मारेगा।' अपने लोग क्या करते है कि बाहर से मार खाकर आते है और घर में औरत को मारते है।
प्रश्नकर्ता : वो बोलेगी और हम रोकेंगे नहीं तो उसमें ओर खराबी हो जायेगी न?
दादाश्री : उसको क्या मूछे आ जायेगी? वो क्या पुरुष हो जायेगी? ये तो खाली डर है। ये तो डर से जग में झगड़े चलते है। हमने देखा है कि एक जन्म का किसी के हाथ में नहीं है। आप उसको मार-मार करोगे तो भी वो बोलेगी। इसमें आपका भी नुकसान होता है और बीबी का भी नुकसान है। ये सब छोड दो और क्या होता है, क्या हो रहा है, वो 'देखो'। हम सबको क्या बोलते है कि Adjust everywhere!
एक मियांभाई हमारा पहचानवाला था। मैंने उसको बोल दिया कि 'भाई, औरत के साथ ठीक रहता है कि नहीं?' तो कहने लगा कि 'हमारा सब ठीक है।' मैंने पूछा कि 'ये सब को बीबी के साथ झगडा होता है और तुम्हारा कभी झगडा नहीं होता?' तो बोला कि, 'हमको कभी नहीं होता। बीबी के साथ झगडा करके क्या फायदा?' मैंने पूछा कि, 'बीबी किसी दिन गुस्सा नहीं हो जाती?' तो बोलने लगा कि, 'कभी गुस्सा हो जाती है। मगर बीबी के साथ झगडा करने में तो. देखो न. हमारे तो दो ही रूम है, तो इधर झगडा करेगा तो सारी रात जो रूम
औरत तो देवी है। उसके साथ झगडा कैसे हो सकता है? उसका दिमाग गरम हो जाये, तो कोई भी हर्ज नहीं। थोडी देर में दिमाग ठंडा हो जायेगा। फिर समझाना कि 'तुम क्या क्या चाहती हो, हमको एक दफे बोल दो', ऐसे उसको पटाना। आप दुकान में कैसे सबको खुश कर देते हो, वैसे घर में सबको खुश कर देना है।
ये अपनी wife है, ऐसा मत मानो और ये अपने पर चढ़ बैठेगी ऐसा मत मानो। अरे, क्या चढ़ बैठेगी? उसको मूछे नहीं आयेगी, वो
औरत ही रहेगी। एक जन्म में जो तय किया है, वो ही होगा, ऐसा ही करेगा। तो औरत के साथ आराम से रहने का, File का निकाल समभाव से करने का।
एक जन्म की बात आपकी समझ में आ गयी? देखो, हम घर में अकेले हो और बाहर निकलने का हो गया, तो हम दरवाजा खुल्ला नहीं रखेंगे, ताला लगायेंगे। क्युं ऐसा करते है? कि ये जिंदगी में तो कुछ होनेवाला नहीं, मगर वो दरवाजा खुल्ला देखकर दूसरे किसी को विचार आयेगा चोरी करने का। आज तो कुछ नहीं होगा, मगर वो अगले जन्म में चोर हो जायेगा। इसलिए ऐसे दरवाजा खुल्ला नहीं रखने का, ताला लगाकर जाने का।
"ये मेरी औरत है' बोलते है न, वो relative में है। real में