Book Title: Samvat Pravartak Maharaja Vikram Author(s): Niranjanvijay Publisher: Niranjanvijay View full book textPage 9
________________ संवत् प्रवर्तक महाराजा विक्रम दूसरे भाग की-चित्रमूची: आठवा सर्गःमंगलमूर्ति श्री पार्श्वनाथ 20 चि. क्र. 1 व्याख्यान सभा में सूरीश्वरजी और महाराजा विक्रमादित्य... 2 शुकके पीछे पीछे मृगध्वज का जाना ... ... 3 गांगली ऋषि के आश्रम में वृक्ष की शाखा से वस्त्र और आभ षणों का यकायक बरसना.... ... ... ... राजकुमार शुकका बेहोश होना ... 5 केवली भगवान से प्रश्न, शुकराज की वाणी क्यों बंध हो गई ? 6 जितारी राजा द्वारा संघ का अवलोकन ... ... 7 राजा जितारीका शुक योनि में उत्पन्न होना... ... 8 राजा जितारी की रानी हंसी और सारसी की दीक्षा ... 9 श्रीदत्त और शंखदत्त द्वारा समुद्र में पेटी को देखना माता और कन्या को लेकर श्रीदत्त का वन में जाना, वहां बंदर का बंदरीयों के साथ आना ... ... ... 11 ज्ञानीमुनि द्वारा पूर्व बृ-तान्त सुनना... 12 अज्ञात फल का खाना और सोमश्री का रूप परिवर्तन 13 बंदर-व्यतर् द्वारा सोमश्री को ले जाना 14 ज्ञानीमुनि की धर्म देशना ... ... ... 15 सोमश्री को लेकर वानर रूप-व्यतर का गुरु निश्रा में आमा और पूर्व भवका कथन और परस्पर क्षमा याचना 71 80 P.P.AC.Gunratnasuri M.S. Jun Gun Aaradhak TrustPage Navigation
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