Book Title: Samvat Pravartak Maharaja Vikram
Author(s): Niranjanvijay
Publisher: Niranjanvijay

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Page 10
________________ 11 16 रात्रि में स्त्री का रुदन, शुकराज का वहां जाकर तलास करनी 89. 17 विमान में बेठ कर शुकराज का शाश्वत तीर्थों की यात्रा करने जाना और पीछे से चक्रेश्वरी द्वारा नाम पुकारना... ... 94 हंसकुमार और सुरकुमार का युद्ध होना और हंसकुमार द्वारा सुरकुमार की सुश्रुषा .... ... ... .. 98 19 चरक सेवक के जीव-सर्प ने आकर सिंहमत्रीको डंसना... 103. सि हमंत्री का जीव का हंस होना और सुंदर पुष्पों से आदिनाथजी की पूजा करनी ... ... ... ... 104 कदली वन में यशोमती योगिनी के पास चद्रांक के साथ मृग ध्वज राजा का जाना ... ... ... ... 111 22 मृगध्वज राजा को शुभ ध्यान के योग से गृहस्थ-अवस्था में ही केवल ज्ञान की प्राप्ति... ... ... ... 113 23 रूपधारी शुकराज द्वारा उद्यान में आया हुआ असली शुक राज को मंत्री को बताया जाता है... ... 24 सत्य शुकराज का दोनों पत्नीया सह उद्यान में आना और मंत्री से वातालाप करना... ... ... ... 124. 25 शुकराज का विमान यकायक आकाश में ही रुकना ... 128. 26 केवली मुनिसे शुकराज का मिलन और गुरुवंदना कर धर्म देशना सुननी... ... ... ... ... 129 27 तीर्थाधिराज श्री विमलाचल की गुफा में शुकराज द्वारा पंच-परमेष्ठी महामंत्र का छ: मास तक जप और प्रकाश प्रगट होना .... ... ... ... ... 131 28 शुकराजकी रानी पद्मावतीको स्वप्नमें चन्द्रमाका मुखमें प्रवेश 134 शुकराज के वहां पुत्रजन्म, नाम स्थापन और पालनपोषन 135 30 राजसभा में तत्काल फलनेवाली काकडी के बीजके बारेमें विवाद 149. 31 श्रीद-त द्वारा कपटजाल में निष्फलता, सीडी लेकर घर जाओ 151. ना जाता ह... ... ... 122. P.P.AC.Gunratnasuri M.S. Jun Gun Aaradhak Trust

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