Book Title: Samudrik Shastram
Author(s): Mansukhlal Hiralal
Publisher: Hiralal Hansraj Shravak
View full book text
________________
.90) गुणवणन-पीनोरु पीनगल्ला लघुसमदशना पद्मनेत्रांतरता । किंवोटा तुंगनाशा गज गति गमना दक्षिणावर्तनाभिः ॥ स्निग्धांगी चारु वेपा पृथुमृदुजघना सुस्वरा चारु लामा । भर्स तस्याः दितीयो नवति च सुनगा पुत्रमाना च नारी ॥ ॥ ऊरू स्तनौ कटिकरप्रति. गुण अवगुण विगेरेनु साथे वर्णन थाय ने -जे स्त्री कग्नि गती, कठिन गाल, नानो भने सीधा दांत, कमळजेवा अांखना रेडा, बिंबजेवा होठ, ऊंची नासिका, हायणीजेवी चाल, दक्षिणावर्ती नाभि, स्निग्ध अंग, सुं. दर वस्त्र, गंजीर अने कोमळ योनि सुंदर स्व. र, अने सारा प्रकाशवाळी होय तेनो पति राजा थाय रे, धने ते पुत्रवती थाय .॥ ॥ ॥ ऊंचां स्तन, रोमरहित केड अने
Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat
www.umaragyanbhandar.com

Page Navigation
1 ... 71 72 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82 83 84 85 86 87 88 89 90 91 92 93 94 95 96 97 98 99 100 101 102 103 104 105 106