Book Title: Samavayanga Sutra
Author(s): Sudharmaswami, Hirsundar Muni
Publisher: Jaiselmer

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Page 10
________________ रक्षणानक सिसिताराकानीमा रिणिताराकश्या तीनक्षत्रणताराकया राणीनपसाहिल सतार सरकते सितारे अभिमाश्व हिसारे रिलतिताः नीलगं स्या चीनविषा केतलाक मारकीमान विलिपल्यापमनस्विनिप्रापबीजीवाश्यता विधानविष्ट का । घनारकाम प्पmaan समय लिहिएनिमावि दवाएंबसमीपस्या नकोस विलिसागशेषम स्विति॥ जवानुषसानरकष्टवीना मलि सागशेषमरित्रतिशम असुमार यानधनकारक। विषनारकी। का मनपसीना सिलिनक्षमावि छायजडीएम रूपाण्डमन्निलिहिसागरमाइचिई में असुर पहिला निकायनादेव केलाश्कन रिण पल्यापममम शेरव्यातवमानाप्रधान संजीसिमझेंडायरियananall तान मानधनकझा ऊरुमन्तरऊरुमानियंचगमनन। मालधारी प्राध्याणलिवियलिविविधतासलिहियलिशिकलोगिया उक्त वणि यल्यायमाझa सेरयातायनाचारमनुष्यदेवकरुपतरक शष्टन विलिपल्यायमधामकझं।। रुयुगलीशानहनन उकोसनिलिमा लिई अधिवासानिमासयमापकोससिन्निएलिनधाम 30 कह।

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