Book Title: Sachoornik Aagam Suttaani 02 Sootrakrut Churni Aagam 2 Author(s): Anandsagarsuri, Dipratnasagar, Deepratnasagar Publisher: Param Anand Shwe Mu Pu Jain Sangh Paldi Ahmedabad View full book textPage 6
________________ आगम (०२) । “सूत्रकृत्" - अंगसूत्र-२ (मूलं+नियुक्ति:+वृत्तिः ) श्रुतस्कंध [ ], अध्ययन [ ], उद्देशक [ ], नियुक्ति: [ ], मूलं [ ] पूज्य आगमोद्धारकरी संशोधिता मुनि दीपरत्नसागरेण संकलिता......आगमसूत्र-[२], अंग सूत्र-०२] "सूत्रकृत" जिनदासगणि विहिता चूर्णि: 09605 प्रत सूत्रांक श्रीसूत्रकृताङ्गचूर्णिः। दीप अनुक्रम ...बहुश्रुतकिंवदन्त्या श्रीजिनदासगणिवर्यविहिता मुद्रणप्रयोजिका-मालवदेशान्तर्गतरत्नपुरीय (रतलामगत) श्रीऋषभदेवजीकेशरीमलजी श्वेतांबरसंस्था. . मुद्रणकर्ता-सूर्यपुरीयश्रीजैनानंदमुद्रणालयव्यापारयिता शा० मोहनलाल मगनलाल थदामी. विक्रमस्य संवत् १९९८ ,. . श्रीवीरस्य २४६८, क्राइष्टस्य १९४१ पण्यं रूप्यकपंचक प्रतय: ५००. . सर्वेऽधिकारा मुद्रणस्य मुद्रणकारकाधीनाः PORAN WHERE u 0 66 ... सूत्रकृताङ्गसूत्रस्य मूल “टाइटल पेज" [6]Page Navigation
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