Book Title: Sachoornik Aagam Suttaani 02 Sootrakrut Churni Aagam 2
Author(s): Anandsagarsuri, Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Param Anand Shwe Mu Pu Jain Sangh Paldi Ahmedabad

View full book text
Previous | Next

Page 11
________________ पृष्ठांक: ४२१ सूत्रकृताङ्ग सूत्रस्य विषयानुक्रम पृष्ठांक: | | मूलांक विषय: पृष्ठांक: | अध्ययनं २ क्रियास्थानं ३५५ ६४८ -त्रयोदश क्रियास्थानानि अध्ययनं ३ आहारपरिज्ञा ६७५ -विविध वनस्पतिकायस्य उत्पति, तस्य आहारविधि: -जीवोत्पत्ति: तस्य आहार एवं शरीर वर्णनं | मूलाङ्का: ८०६ मूलांक: विषय: ** अध्ययनं १५ आदानं ६०७ -मोक्षस्य उपाया:, -अवभमणनिषेध हेतुः अध्ययनं १६ गाथा ६३२ |-अनगार स्वरूपं | श्रुतस्कंध-२ अध्ययनं १ पुण्डरिक -पुण्डरिक-उद्धरणं दृष्टांत एवं तद् भावस्य कथनं, देहात्मपञ्चमहाभूत-कारणिक आदि वाद कथनं ३९४ | ४३२ नियुक्ति गाथा: २०५ | मूलांक: विषय: ** अध्ययनं ५ आचारश्रुतं ७०५ -अनेकान्त वचनप्रयोगकरणं -जीव अजीव आदि तत्त्वस्य अस्तित्व-स्वीकार: अध्ययनं ६ आर्द्रकीयं | -गोशालक एवं आर्द्रकमारस्य परस्पर वार्ता, शाक्य भिक्षुसार्धं आर्द्रकुमारस्य संवादः अध्ययनं ७ नालंदीयं ७९३ |-पेढालपुत्र एवं गौतमस्य परस्पर वार्ता ३२६ * . ३२७ ६३३ -पप ४०८ ४६७ अध्ययनं ४ प्रत्याख्यानं -अप्रत्याख्यान स्वरूप, -प्रत्याख्यान हेतुः, षड् जीवनिकाय हिंसा विरमणं [11]

Loading...

Page Navigation
1 ... 9 10 11 12 13 14 15 16 17 18 19 20 21 22 23 24 25 26 27 28 29 30 31 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69 70 71 72 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82 83 84 85 86 87 88 89 90 91 92 93 94 95 96 97 98 99 100 101 102 103 104 105 106 107 108 109 110 111 112 ... 486