Book Title: Request To Indian People From Vegetarians Of World
Author(s): Young Indian Vegetarians
Publisher: Young Indian Vegetarians

Previous | Next

Page 5
________________ द यंग इण्डियन वेजिटेरियन्स, इलैड प्रस्तावना भारत के भाइयो और बहनों, ___ यह छोटी सी पुस्तिका आपके सामने रखते हुए मुझे बडी खुशी हो रही है. मेरा विश्वास है कि अहिंसा तथा शाकाहारवाद के उद्देश्यों को यह प्रोत्साहित करेगी. समस्त प्राणिमात्र के प्रति अपने स्नेह एवं सहनशीलता के कारण "भारत देश' की अपनी अलग पहचान है. देश की महानता उसकी संपत्ति या शक्ति के नहीं बल्कि कमजोर और असरक्षित जीवों के प्रति उसके स्नेह से आंकी जाती है. दुर्भाग्यवश, यह पता चला है कि हाल के कुछ वर्षों से भारत में भी मांस-भक्षण तथा असुरक्षित जीवों के शोषण की प्रवृत्ति बढती जा रही है. इसके विपरीत पश्चिम में शाकाहार की ओर लोगों का झुकाव बढ रहा है तथा जानवरों के अधिकारों का बोध बढ़ता जा रहा है. मैं आपसे अनुरोध करता है कि भारत में बढ़ते हुए मांस-भक्षण की प्रवृत्ति पर ऐक लगायें और दुनिया को नये युग की ओर बढ़ने के लिए मदद करें, ताकि इश्वर के असहाय एवं निरीह प्राणियों को मानव-जाति अधिक दुख न पहुंचा सके. एक कहावत है-"उल्टे बांस बंटेली को." इसी प्रकार हम अहिंसा के घर-भारत में ही अहिंसा का आदर्श वापस लाने की कोशिश कर रहे हैं. भारत में शाकाहार, अहिंसा और स्नेह को बढ़ावा देने में हमारे अनुरोध को कृपया स्वीकारें ताकि दुनियां इसे एक उदाहरण मानकर उसका अनुसरण कर सके. नितीन मेहता ..... अध्यक्ष - यंत्र इण्डियन वेजिटेरियन्स, , ३३, मोल्ड पेल रोड, थॉन योन यि, सौ युनाइटेड किंगडम

Loading...

Page Navigation
1 ... 3 4 5 6 7 8 9 10 11 12 13 14 15 16 17 18 19 20 21 22 23 24 25 26 27 28 29 30 31 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50 51