Book Title: Request To Indian People From Vegetarians Of World Author(s): Young Indian Vegetarians Publisher: Young Indian VegetariansPage 17
________________ त्रिदण्डी गोस्वामी । भगवानदास गोस्वामी महाराज नितिन मेहता अध्यक्ष दि यंग इण्डियन वेजिटेरियंस ३३, गोल्डवैल रोड थॉर्नटन हीथ प्रिय नितिन मेहता कृपया आपकी आध्यात्मिक स्वस्थता के लिए मेरी शुभकामनाएं एवं आशीर्वाद स्वीकारें निस्संदेह यह प्रशंसनीय है कि आप शाकाहाखाद की आवश्यकता का समर्थन कर रहे हैं. सभी पहलुओं से, चाहे वह आर्थिक हो, मनोवैज्ञानिक हो या आध्यात्मिक, सामिष आहार से शाकाहारी आहार कई गुना श्रेष्ठ है. पश्चिमी लोगों एवं उनके तौर-तरीकों से ज्यादा धुलमिलने के कारण युवा एशियाई अपने ही महान संस्कृति - सनातन धर्म से दूर होते जा रहे हैं यह एक अकाट्य तथ्य है कि शाकाहाखाद सनातन धर्म का एक आवश्यक अंग है. वास्तव में इसका मतलब ही लोगों को जीवन की पवित्रता से परिचित कराना है फिर चाहे शारीरिक ढांचा मनुष्य का हो या पशु का. यहां तक कि भगवद् गीता में श्रीकृष्ण भगवान भी विशेष रूप से कहते है कि यदि स्नेह के साथ वनस्पतियां, फल तथा फूल उन्हें अर्पित किये जाते हैं हो वे उन्हे स्वीकार करते इसलिए हमें प्रसन्नता है कि आप और आपके साथी शाकाहारवाद के इस आदर्श को बढ़ावा दे रह हैं और हमें विश्वास है कि आप इसे और आगे बढ़ायेंगे इस विचार के साथ साध कि खाने से पहले भोजन को प्रसाद के रुप में श्रीकृष्ण भगवान को अर्पित करें. इससे आपका रचनात्मक भौतिक एवं आध्यात्मिक विकास होगा. भगवानदास गोस्वामी यू.के, दक्षिणी यूरोप, दक्षिण अफ्रीका और मॉरिशस में इस्कॉन के आचार्यPage Navigation
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