Book Title: Request To Indian People From Vegetarians Of World
Author(s): Young Indian Vegetarians
Publisher: Young Indian Vegetarians

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Page 39
________________ "The appeal of the lower order of creation is all the more forciblee because it is speachless". "The greatness of a nation and its moral progress can be judged by the way it treats its animals". "Vivisection (experiments on live animals) is the blackest of all the blackest of all the black crimes that man is at present committing against God and his fair creation". "I do feel that spiritual progress does demand at some stage that we should cease to kill our fellow creatures for the satisfanction of our bodily wants". - Gandhiji Compiled by NIPAN MALDE. SOSOS SOSOSOSOS SOS) इसी तरह स्वास्थ्य संबंधी खतरों तथा मांस भक्षण का कुप्रभाव हमारे स्नायु तंत्र पर भी पड़ता है. मृत्युपूर्व तथा मृत्यु के समय जानवर भावात्मक तनाव के चरमोत्कर्ष पर होते है. इन जानवरों के मांस को तनावकारक हारमोन, लैक्टिक अम्ल तथा अन्य टौक्सिक व्यक्त पदार्थों से युक्त रक्त मिलता रहता है जिससे किं पकाये गये मांस में “सुरुचिपूर्ण सुगंध" का निर्माण होता है. इन सभी रासायनिक तत्वों का ना सोचे-समझे भक्षण किया जाता है जबकि ये आज के मनुष्य के मानसिक असंतुलन के जिम्मेदार हैं. पोषण-शास्त्री अब इस बात पर सहमत हो गये हैं कि वनस्पति और जानवरों से प्राप्त प्रोटीन में कोई भेद नहीं है तथा यह संभव है कि वनस्पति प्रोटीनों को एक साथ मिलाकर कोई पदार्थ बनाया जा सकता है जो पोषक तत्वों की दृष्टि से जानवरों से मिलनेवाले प्रोटीन से कम नहीं होगा. उन लोगों का हमारी राय से सहमत होना जरूरी नहीं है जो बडी तादाद में पशुओं का शोषण कर लाभान्वित हो रहे हैं. उनका लक्ष्य धन प्राप्ति है. वे यही चाहते हैं कि फैक्ट्री फार्म में पाले गये जानवरों की लाशों को खरीदकर जनता उनसे सहयोग करे. इस आलोचन से बचने के लिए उनके पास सीधा सा उत्तर होगा कि वे वही उपलब्ध करा रहे हैं जो जनता चाहती है. अंत में, यही कहा जा सकता है कि शारीरिक, मानसिक तथा आध्यात्मिक सभी दृष्टि से कुल मिलाकर शाकाहारी भोजन ज्यादा स्वास्थ्यप्रद है.

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