Book Title: Request To Indian People From Vegetarians Of World Author(s): Young Indian Vegetarians Publisher: Young Indian VegetariansPage 15
________________ - मन में दयाभाव के विकास (प्रत्येक मनुष्य मात्र से धनिष्ठता-भाव) का संबंध किसी धर्म विशेष से नहीं है जैसा कि अक्सर हम इसे पारंपारिक धार्मिक व्यवहार के साथ जोड़कर देखते है। यह न केवल किसी धर्म पर विश्वास करने वालों के लिए है, अवितु यह जाति, धर्म या राजनीतिगत विचार धाराओं की सीमा से परे सभी लोगों के लिए है। यह उन सब के लिए है जो स्वयं को, अन्य बातों से परे, एक मानव-परिवार का सदस्य समझते हुए वस्तुओं का इसी व्यापक और विस्तृत परिप्रेक्ष्य में आकलन करते हैं यह एक प्रभावशाली भावना है जिसे हमें विकसित करते हुए कार्यरुप भी देना चाहिए; इसके बदले में हम इसका परित्याग करते हैं विशेषकर तब जब हम अपने जीवन के प्रारंभिक दौर से गुजरते हुए असुरक्षा की भावना का . शिकार होता है। Eeeeeeeeee श्री कपिला ह्युमॅनिटेरियन सोसायटी का संदेश अध्यक्ष, एम. डब्ल्यू. ए. डीसिल्वा दोस्तो, आपके पाठको को निम्नालिखित विचार पसंद आयेंगे : शाकाहार-वादः डॉक्टर क्या कहते है डॉ. एच. सी. शेमा, न्यूट्रीशन रिसर्च विभाग कोलंबिया युनिवर्सिटी, न्यूयार्क “फुड प्रॉटक्टस् " "पिछले 10 या 15 वर्षों के कार्य से यह स्पष्ट हुआ है कि अनाज, कंद और पत्ती सब्जियोंसे प्राप्त प्रोटीन का पारस्पारिक पूरक प्रभाव मज्जारज्जु के निर्माण व रखरखाव के लिये सर्वोत्तम एमिनो एसिड उपलब्ध करता है." अलेक्झैडर हेग एम. डी. एफ. आर. सी. पी. "सापेक्ष शरीर संरचना विज्ञान और मनुष्य शरीर विज्ञान बताते हैं कि आदमी का प्रमुख आहार है ताजे फल और सब्जियाँ" सर बेंजामिन डब्लू. रिचर्डसन, एम. डी. एफ. आर. एस्. "दूध की बनी हुई चीजें और हरी पत्ती वाली सब्जियों के संतुलित आहार में न केवल सही और पर्याप्त प्रोटीन होता है बल्कि वह सभी कुछ होता है जो शरीर को स्वस्थ, शक्तिदायक और तंदुरुस्त रखने के लिए आवश्यक होता है."Page Navigation
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