Book Title: Rayansar
Author(s): Kundkundacharya, Syadvatvati Mata
Publisher: Bharat Varshiya Anekant Vidwat Parishad

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Page 8
________________ विषय आहार शुद्धि संदेश पात्रों के अनेक प्रकार विषय सूची मुनियों की पात्रता अज्ञानी का तप पात्र विशेष उभय नय विरोधी भव- बीज संसार की वृद्धि परलोक कैसे सुधरेगा ? उभय भावों को जानकर अपनी शुद्ध आत्मा में रुचि करो कर्म रहित मुक्तात्मा जानते हैं बंध व मुक्ति के भाव बहिरात्मा का लक्षण इन्द्रिय विषय किंपाक फलवत् बहिरात्मपने की सामग्री बहिरात्मपने का भाव बहिरात्मपने का पुष्टीकरण बहिरात्म जीवों का विषय बहिरात्मा की विवेकहीनता अन्तरात्मा के लक्षण अनादिकालीन दुर्वासना सम्यग्दृष्टि के भोग में अनासक्ति परमात्मावस्था प्राप्ति का उपाय दुख का कारण बहिरात्म भाव अन्तरात्मा-परमात्मा के भाव मुक्ति के कारण उभय समय ज्ञाता गति स्व समय कौन ? केवल परमात्मा गुणस्थानों की अपेक्षा आत्मा का वर्गीकरण दोषो के त्याग से मुक्ति पृष्ठ ૪ १०० १०१ १०१ १०२ १०३ १०४ १५ ८५ ८६ ८७ ८८ ११७-११८ ८९ ९० ९१ ९२ ९३ ९४ ९४ ९५ ९६ ९७ ९७ ९८ ९९ १९ १०५ १०६ १०६ १०७ गाथा ११३ ११४ ११५ ११६ ११९ १२० १२१ १२२ १२३ १२४ ܐ ، ܆ १२६ १२७ १२८ १२९ १३० १३१ १३२ १३३ १३४ १३५ १३६ १३७ १३८ १३९ १४० १४१ १४२

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