Book Title: Ratnaparikshadi Sapta Granth Sangraha
Author(s): Agarchand Nahta, Bhanvarlal Nahta
Publisher: Rajasthan Prachyavidya Pratishthan Jodhpur

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Page 9
________________ राजस्थान पुरातन ग्रन्थमाला-रत्नपरीक्षादि सप्त ग्रन्थ संग्रह Jain Educationa International तिमतिमष्टि मत्रिणी भझिवि वितरीयमबाटाइदिएमा Hinानिमायामयलसरसरविदमणचनाएगाइनमिजणापयरणतिलसानिसदेविताणमादामोदन दियसत्रिपरिकामादतीमा पासाश्सटिलमिटयगणदियासयनिंसारमावतीसंगलमीस्वागवितरित रातिमासानातिपोवमहिएगादीवाकियसमा दवशियनीरवासांगतमाणासुसजतिऽशाना गुलकमिबिहमसिमाउसमाजायणनिधिसत्रियणीयलावासाणकसिमक्षाणामहिट्यदत्रयमाणेसुदया। विवरीयअसुक्ष्यशालासिमियीक्षा सममिडकण्डिादयस्यामझिरविसकापडमंतलाया। समीतिहाविदंतिलाहकोणकावडाहरुपदिसि । सतरंटलामति लिस्टिदलचनरसे॥ठरसिक्किक्किदिसावारसलागाठवतामझ लणेदिसहतिय तियएवंऊदवसापतितमिसाधमानाला ॥रमवदिर समादाविम्भियातिदि बीयरुदा प्रकलस्ट्रमिसु दासोसायतरबुबुदारव माशीवादिकशारोरुसर: अमिमयससलाव २४ १५ अंशय अकानिंबुसल्लमाण मिम वस्तुसार ग्रन्थ का आदि पृष्ठ A2/: निस्सिदमाइतिकृमिसायद Tike . . For Personal and Private Use Only संबंकिमामारतिलिचसंवलासंदसतियएगविमोवगासुकमियतयाकढिगवल सवसोवादेमिमिमिमनगरवासामनयपिरिपवयमामिस्विदणतरूवरेवदिनिलया। Hोपालपमतमेसजवणगंधमिश्विंदपुतदवंटनीलकमकडिमानातियातदयमनिंदीकउदीयमा जयवंदणउविदवासंवारहगनिदाउपाविपक्वंदर्णपोषणनिरख्याउटकारियलउतिधिकमिसन माएकडमीयांसाक्सिनावमसायरा नया लकासम्पनाकामरूयामिवारप्रतिपक मेणामासीखगठिटामाकरपियवरुपपीयवसायवाला। यसटीदायीमासिवाय पतालाबासरनोलाकण्वार विश्वासमाविषवहामियानादिकपाककऽयतिका "कायोपिलादिमियोपदबसमा NिERमस्जिवकिमरिक पानीमवारहविनयापण्यादणमयसातारावरमामऊटवालयानदवेदपायका, अमिासादडपशामियाददंगनुमति लियमस्वामिणवासियामामानेकामा MARAan कमधिोमब४ वर्मकापचयामरागमिस्नलिखिनीमाजाववाल्यारा धातूत्पत्ति ग्रन्थ का अन्तिम पृष्ठ www.jainelibrary.org

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