Book Title: Rajasthani Hindi Sankshipta Shabdakosh Part 02
Author(s): Sitaram Lalas
Publisher: Rajasthan Prachyavidya Pratishthan

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Page 7
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir www.kobatirth.org प-देवनागरी वर्णमाला का इक्कीसवां वर्ण । पक्ति-पावन-पु०यज्ञ में बुलाकर दान देने लायक ब्राह्मण । पंइताळीस-देखो 'पंत ळीस' । पात्र, पंखड, पखड़ी (डी) पंखड़ौ, (डो)-पु० [सं० पक्ष १ पक्षी पक-पु० [सं०] १ पाप । २ काचः । ३ कलंक, दोष । गादि का पर । २ पुष्प-दल । ३ धूलि । ४ मांसाहारी पक्षी। ४ दलदल । ५ मलहम । --जनम, जात-पु० कमल । , ५ राजा की सवारी का हाथी। ६ अश्व, घोड़ा। ७ धारा -पभा, प्पहा, प्रभा -श्री० एक नक। -रुट, रुह, रूह- प्रवाह । ८ देखो 'पक्षी' । ९ देखो 'पंखारौ'। पु० कमल । पंखरण (रिण, पो)-स्त्री० [सं० पक्षिणी] १ मादा पक्षी । पंककोर-पुल मं०] टिटहरी नामक पनी । २ मादा गिद्ध । ३ चील । ४ वर्तमान व पाने वाले दिन के पंकज-पु० सं०] १ कमल । २ फल । ३ सारस पक्षी। -वि० बीच की रात । ५ अप्सरा । ६ राठौड़ों की कुल देवी। कीनड में उत्पन्न होनेवाला । --ग्रासन-पु० ब्रह्मा। -ग्रह- --प्राळो, याळी, वाळो-पु० पक्षी। पु० वग। --बंधु-पु० मूर्य, रवि । -राग-पु० पत्र पंखराउ, (राऊ, राज, राय, राव)-देखो 'पक्षीराज' राग मणि। --हत, हती, हत्थ, हत्थी-पु० सुर्य, रवि । पंखराळ-वि० १ बड़े-बड़े परों वाला। २ देखो 'पखराळ' । पकजणी, पंकजिपी-देखो 'पंकजिनी' । पखवा-स्त्री० पंखे की हवा । पंकजित-पु. [सं०] गझड़ का एक पुत्र । पंखवी-देखो 'पंखारौ'। पंकजिनी-स्त्री० [सं०] कमन की नाल । पंखांण-देखो 'पासांग । पंकज्ज-देखो 'पंकज । पंखांराउ, (राऊ, राज, राव)-देखो ‘पक्षीराज'। पंकण (रिण, रगी)-स्त्री० १ प्रत्यञ्चा : २ देखो 'पंखगी'। पंखाकुळी, पखाबरदार-पु. पंखा से हवा करने वाला अनुचर । पकत (ति, ती-देगो पंक्ति'। पंखाबरदारी-स्त्री० पंखे से हवा करने का कार्य । पंकति-दूही-पु. दो छन्द का एक भेद । पंखायण-देखो 'पंखणी'। पकदिग्धांन-पु० स्कन्द का एक अनुचर । पंखार, पंखारौ-पु० तीर की पूछ । पकधुम-पु. एक न क विशेष । पखाळ, (ळी)-वि० सं० पक्षालु] १ पंख या परों वाला, पंकय-देखो 'पंकज'। परदार । २ पक्षवाला, पक्षधर । -पु० १ पक्षी । पंकाउळी-देखो 'पंकावळी' । २ मांसाहारी पक्षी । ३ पक्षीराज गरुड़। ४ गिद्ध । ५ सर्प, पंकाभा-म्बी० एक नरक विणेप । नाग । ६ घोड़ा, अश्व । ७ तीर, शर । ८ एक डिंगल गीत पंकाळ (ळी)-स्त्री० एक छन्द विशेष विशेष । पंखावरदार- देखो 'पंखाबरदार' । पंकि-देखो पंक्ति'। पंखावरदारी-देखा पखाबरदारी' । पंकेरुह-देखो 'पंकरह' । पखासाळ-स्त्रो० १ वह कक्ष जहां खा लगा हो । २ मकान का पंक्खरा- देखो पंख' । २ देखो 'पक्षी'। ३ देखो 'पंखी'।। हवादार कक्ष । पंक्ति-श्री० [सं०] १ कतार २ रेखा । ३ वर्तमान पौढ़ी। पाढ़ी। पंखि-१ --देखो 'पक्षी'। २ देखो 'पंख' । ३ देखो 'पंखी' । ४ धेगी। ५ मनुष्यों की कतार । ६ पृथ्वी । ७ कीति, यश । पंखिऔ-१ देखो 'पक्षी' । २ देखो 'पंखियो' । ३ देखो 'पक्ष' । एक ही जाति के मनुष्यों का ममुह । ९ पांच की संख्या। १० दश की संख्या । ११ एक वर्ण वत्त विशेष । -- टाळ पंखिण, (रिण, पो)-देखो 'पखरण' । वि० पंक्ति या जाति से बहिष्कृत । ---बद्ध-नि० कतार में पखियो--० १ छोटी पपली वाला बैल । २ देगो पक्षी'! जुडा या बंधा हया, अंगीयन । For Private And Personal Use Only

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