Book Title: Rajasthani Hindi Sankshipta Shabdakosh Part 02
Author(s): Sitaram Lalas
Publisher: Rajasthan Prachyavidya Pratishthan

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Page 15
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra पहली www.kobatirth.org ( 8 ) ९ आगे जाने वाले तक पहुंचवाना । १० साथ कराना । ११ कोई कार्य या धंधा प्रारम्भ कराना । १२ स्वभाव के अनुरूप कराना । १३ ग्रसाना, घेराना । १४ आक्रांत कराना, प्रभाव में रखाना । १५ संपर्क कराना । रखाना । १७ जिम्मेदारी देना, १६ धारण कराना, संभलाना । [सं० पकरणों (बौ) - क्रि० २ मामला तय होना, का चक्कर पूरा होना । 'पाकरणों' (बी) । पकरी स्त्री० [सं०] एक वृक्ष विशेष पकल्ल - पु० [सं० पक्षलः ] घोड़ा । पकवांन (तु, न ) - पु० [सं० पक्वान्न ] घी, तेल आदि में पका खाद्य पदार्थ, पौष्टिक भोजन । पचष् ] १ कार्यं सिद्ध होना । सौदा पटना । ३ चोसर की गोटी ४ उपार्जन होना । ५ देखो श्रवयव । पकाई स्त्री० [सं० पक्व] १ पहने या पकाने की क्रिया या भाव । २ पकाने की मजदूरी ३ दृढ़ता, पक्काई । ४ कठोरता, ठोसपना । ५ निपुरगता, चतुराई । ६ सतर्कता, सावधानी । पकाणी (ब) क्रि० [सं० पचप्] १ कार्य सिद्ध कराना। २ मामला तय कराना, सौदा पटाना । ३ चौसर की गोटी का चक्कर पूरा कराना । ४ उपार्जन कराना । ५ अनाज, फलादि को परिपक्वावस्था प्राप्त कराना । ६ खाना प्रादि पकाना, सिझाना। ७ कच्चापन दूर करना । ८ घाव आदि पकने की दशा में लाना । पावली (बी) देखो 'पाणी' (बी)। पकोड़ी, पकोड़ो- पु० बेसन या दाल का बड़ा, वटक । पकौ - १ देखो 'पक्को' । २ देखो 'पाकी' । (स्त्री० पकी) पक्कबर - देखो 'पैगंबर' । पकार - पु० [सं०] 'प' अक्षर, वर्ण । पकाव- पु० [सं० पक्व] १ पकने की अवस्था या भाव। २ मवाद, पीप | पक्खरेत, पक्खरंत - देखो 'पख रेत' । पखाउन (न) देखो 'पखावज' | पकवारा पु० [सं० पक्वाशय ] उदरस्थ भोजन पचाने वाला पविख पश्खी-स्त्री० १ मृतक के पीछे नित्य ब्राह्मणों को भोजन कराने की प्रथा । ( कायस्थ ) २ देखो 'पक्षी' ३ देखो 'पखी' । ४ देखो 'पख' । पक्कड़ (बौ) - देखो 'पकड़णी' (बी) । पकरण ० [सं०] १ एक धनाये देश का नाम २ बर्बर या चाण्डाल का झोंपड़ा । ३ श्रनार्य देशवासी । rest - वि० पका हुआ परिपक्य २ पूर्ण सम्पूर्ण प्रभाव रहित ३ सन्देह रहित घट, प्रगाढ़ ४ प्रशिक्षित, धन्यस्त, कार्य सिद्धि लायक । ५ प्रौढ़, परिपुष्ट ६ श्रांच गर्मी आदि से पककर दृढ़, मजबूत । ७ दक्ष, प्रवीण, कुशल । [सं० पक्व ] ( स्त्री० पक्की ) १ जो कच्चा न हो, । । पक्ख - देखो 'पक्ष' | पक्खर - देखो 'पाखर' । Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir अकाट्य प्रखण्ड, प्रमाणित ९ प्रामाणिक मान का टकसाली १० पत्थर, ईंट, पूने का बना (भवन) । ११ उबाला हुआ घौटाया हुआ। १२ शुद्ध, विशुद्ध, असली १३ घटल अडिग १४ घी, तेल आदि में सिका या तला हुआ । १५ प्रमाणित, सनद । १६ स्थिर, दृढ़, , । । टिकाऊ १७ देखी 'पाकी' पईसौ पु० तांबे का - एक प्राचीन तौल जो पांव छटांक का होता था । पक्षपाती पखरण (बी) देखो 'पारो' (बो) । पक्राळ (ळौ ) - १ देखो 'पखराळ' । २ देखो 'पाखर' । परिय-देखो 'पावर' पक्खियो- पु० [सं० पक्षिक पक्षी, पंखेरू । पक्खे (क्ख) - देखो 'पखे' । For Private And Personal Use Only पवन, पश्यतु, पक्वान्न देखो 'पकवांन । पक्ष-पु० [सं०] १ दायां बायां भाग, बगल, पायं धोर तरफ । २ हाथी, घोड़े आदि का वाम भाग, दक्षिणी पार्श्व । ३ किसी विषय का कोई अंग, प्रसंग, प्रकरण । ४ किसी विषय की धारणा, मत, सम्मति । ५ चन्द्रमास की पन्द्रह दिवसीय कोई अवधि । ६ किसी व्यक्ति या विषय के समर्थन की क्षमता या मात्रा, समर्थकों का दल । ७ वंश, कुल । ८ हित या फायदे की बात । ९ संबंध, लगाव । १० वह वस्तु जिसमें साध्य की स्थिति संदिग्ध हो ११ सेना, दल, फौज । १२ सहायक, सखा, साथी १३ साथियों की टोली । मण्डली । १४ समान विचारधारा या विभिन्न विचार धाराओं वाला वर्ग । १५ आर्थिक स्थिति । १६ पक्षी का पर, पंख, डेना । १७ बारण की पूंछ । १८ शरीर का दायां, बायां कोई भाग । १९ मदद, सहायता, समर्थन । २० पक्षी २१ परिस्थिति, हालत अवस्था २२ पोड़ा, अश्व । २३ राजा की सवारी का हाथी । २४ दीवार । २५ मकान, घर । २६ विरोध, प्रत्युत्तर । २७ धारणा । २० पड़ोस । २९ कोष्ठक । ३० दो की संख्या । पक्षता स्त्री० [सं०] तरफदारी, पक्षपात | । । - पक्षधर पु० [सं०] १ चन्द्रमा २ पक्षपाती ३ पक्षी ० किसी पक्ष में रहने वाला । पक्षपात - पु० [सं०] १ अनुचित विरोध या समर्थन | २ अन्याय । पक्षपाती - वि० [सं०] पक्षपात करने वाला ।

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