Book Title: Rajasthani Hindi Sankshipta Shabdakosh Part 02
Author(s): Sitaram Lalas
Publisher: Rajasthan Prachyavidya Pratishthan

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Page 14
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir पकदाणी प-पु० [सं०] १ रवि, सूर्य । २ पवन । ३ वृक्ष । ४ गुरु। | पउ-पु० [सं० वपु]. शरीर, देह । ५ राजा। ६ सिंह । ७ कामदेव । ८ पीना क्रिया। पउढरपो, (बो)-देखो 'पौढ़णी (बी)। ९ पत्ता, पत्र । १० अण्डा । ११ शासक । १२ रक्षक । पउदारणो (बी) देखो 'पौढ़ाणी (बी)। पइंठणी (बी)-देखो 'पैठणों (बो)। पउढ़िम-देखो 'पौढ़म'। पइंडउ, पइंडो-देखो 'पैडौ।। पउतार-देखो 'पूतार'। पइतीस, पइंत्रीस-देखो 'पैतीस' । पउतीय, पउतीयो-१ देखो 'पोतियो' । २ देखो 'पोत' । पइंसठ, (ठि, ठी)-देखो 'पैंसठ'। पउधारखो, (बो)-देखो 'पधारणो' (बी)। पई-अव्य० [सं० प्रति] १ वश में, अधिकार या कब्जे में। | पउम-देखो 'पदम'। २ पास में, निकट । -क्रि०वि० अपेक्षा में, बनिस्पत से। | पउमा-देखो 'पदमावती'। -पु० [सं० पद] पैर, चरण। | पउर-देखो 'प्रचुर'। पड़ो-देखो 'पेड़ो'। पउरिस, पउरिस्सि-देखो 'पोरस' । पहठ्ठपो (बी), पइठणो (बो)-देखो 'पैठणी' (बी)। पउळ, पउळि (ळी)-देखो 'पौळ' । पठाणी-वि० पइठाण देश का, पइठाण देश संबंधी । पउहतरणी, (बी)-देखो 'पहुंचणी' (बो)। -पु० पठाण देश का वस्त्र । पऊर-१ देखो 'प्रचुर' । २ देखो 'प्रहर'। पइठाणी-पु० पइठाण देश का घोड़ा। पएस-देखो 'प्रदेस'। पइविणि-क्रि० वि० [सं० प्रतिदिन प्रतिदिन, रोजाना। पएसी-देखो 'प्रदेसी'। पहला-पु० [सं० प्रकीर्ण] प्रकीर्ण, स्फुट संग्रह । पइमाळ-देखो 'पैमाल'। पमोहर-देखो 'पयोधर'। पहयो-१. देखो 'पड़ो' । २. देखो 'पईसौं' । ३ देखो 'पथिक'। पकड़-स्त्री० [सं० प्रकृष्ट] १ पकड़ने की क्रिया या भाव । पहर-पु० [सं० प्रकार] १ तरह, भांति, प्रकार । २ देखो 'पैर' । ग्रहण । २ पकड़ने का ढंग। ३ प्रशुद्धि या दोष ढूढ़ने की पहरवी-देखो 'पेरवो'। क्षमता। ४ ग्राह्य शक्ति। ५ चिपकने की शक्ति । पहरोज, पहरोजउ, पहरोजी-देखो 'फिरोजो' । ६ संगीत में एक प्रकार का स्वर समूह । ७ समझने की पहलइ-देखो 'पल'। शक्ति, बुद्धि । ८ वस्तु को पकड़ने का प्रौजार, उपकरण । पइलई, पइलो-देखो 'पैलो' । ९ वश, काबू। पइसड़ो-देखो 'पईसो' । पकड़णी (बी)-क्रि० [सं० प्रकृष्ट] १ हाथों में कोई वस्तु पइसणी (बौ)-देखो 'पैसणी' (बो)। लेना, हाथों से पकड़ना। २ छूना, हाथ लगाना। पईसागर-देखो पयसागर । ३ थामना । ४ अशुद्धि, त्रुटि, दोष प्रादि निकालना । पइसारउ, पइसारो-देखो ‘पयसागर' । ५ अनुचित कार्य करने वाले को देख लेना, चोरी पइसौ-देखो 'पईसौ' । पकडना। ६ काबू में करना, नियंत्रण में करना, पइहरणो, (बौ)-देखो 'पै'रणो' (बौ) दबोचना। ७ गिरफ्तार करना, बंधन में डालना । पहिलो-देखो ''लो'। ८ रोक-टोक करना। आगे जाने वाले तक पहुंचना.। पई-१ देखो 'पथिक' । २ देखो 'पड़ो' १० साथ कर लेना। ११ कोई कार्य करना, कार्य प्रारंभ पईखणी, (बौ)-देखो 'पेखणी' (बी) । करना । १२ अपने स्वभाव के अनुरूप करना । १३ असना, पईडउ-१ देखो 'पैड़ी' । २ देखो 'पैडो' । घेरना । १४ प्राक्रांत करना, प्रभाव में रखना । १५ संपर्क पईयो-१ देखो पईसो' । २. देखो 'पड़ो' । बनाये रखना । १६ धारण करना, रखना । १७ जिम्मेदारी पईसड़ो, पईसी-पु० [सं० पस्य-अंश या पणांश] १. तांबे या | लेना, संभालना। धातु का सिक्का जो पहले रुपये का चौसठवां भाग था और पकड़ापो (बी), पकड़ावणी (बी)-क्रि० १ हाथ में कोई वस्तु अब सो वां भाग है। २ पाव छटांक का एक तौल । ३ उक्त देना, पकड़ाना । २ छूमाना । हाथ लगवाना । ३ थमवाना । तौल का बाट, जो मोहर के आकार का होता था। ४ धन, ४ अशुद्धि, दोष, त्रुटि आदि निकलवाना। ५ अनुचित दौलत, द्रव्य । ५ ऋण, कर्ज । कार्य करते हुए को दिखाना। चोरी पकड़ाना । ६ काबू में पउजरणी-देखो 'पूजणी'। करवाना, नियंत्रण में कराना। दबोचवाना । ७ गिरफ्तार पउतार-देखो 'पूतार'। कराना, बंधन में डलवाना । ८ रोक-टोक कराना। For Private And Personal Use Only

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