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भूल करे तब भी कुछ नहीं कहता हूँ, किन्तु सलाह लेने आये तो जिंदगी के अनुभवों का निचोड़ दे देता हूँ। परन्तु मेरी सलाह के अनुसार वे लोग चलते हैं या नहीं वह नहीं देखता हूँ। घर में छोटे-बड़े सबसे प्रेम रखता हूँ और आनंद में रहता हूँ। पिछली उम्र में जीवन जीने की यह जडी बुट्टी है। घर में परस्पर एकता और सहकार हो तो जीवन मधुर बनता है। वृद्ध ही अगर कुछ न कुछ आगे पीछे करते रहेंगे तो घर के लोगों का उनके प्रति आदर कहां से रहेगा। घर के वृद्धों का ऐसा जीवन भी हो कि जिससे आने वाली पीढ़ी उनका अनुसरण कहते हुए गौरव महसूस करें।
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