Book Title: Pratyek Tattva Chintamani
Author(s): Sadanand Vidvat
Publisher: Achyut Granthmala

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Page 333
________________ वर्णानुक्रमेण श्रुत्यादि सूची न निरोधो न चोत्पत्तिः ननु देवदत्तोऽयम न स पुनरावर्त्त नहि द्रष्टुष्टेर्विपरिलोपो विद्यते नान्यदन्यद् भवेद् यस्मात् नान्योऽतोऽस्ति द्रष्टा नाप्रतिष्ठिततर्के नारायण एवेदं सर्वम् नित्यबोधपरिपीडितं जगत् नित्यवीप्सयोः निवृत्तश्च निवर्त्तते नीहारेण प्रावृता नेति नेति नेह नानास्ति किश्वन नैव वाचा न मनसा नैषा तर्केण मतिरापनेया ક Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat ३०१ पृ० प० १६४-१६ १८६—–५ ११३- -६ · ५८- | १६४–२० ८१-२१ ६४–१३ ६४–६ | २५२ – २१ २६१- -४ ( १७७ – २१ २८६ -७ १५–२३ ७५—६ | २८६–१४ १३५-६ ---- ६- २१ २६८-१२ ६४ – १४ १४८ - १७ १६८- ―― ( ६-२५ ६४—–६ २५२-१८ www.umaragyanbhandar.com

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