Book Title: Pratikraman Author(s): Dada Bhagwan Publisher: Mahavideh Foundation View full book textPage 3
________________ समर्पण अतिक्रमण का कारवाँ अनंत; कर्मों का पल पल हो रहा बंधन! मोक्ष तो कहाँ, धर्म धरे मौन; चढाएँ डगर, पार करे कौन! अक्रम विज्ञानी दादा तारणहार; प्रतिक्रमण का दिया हथियार! मोक्ष मार्ग का सही साझीदार; ताज़ बन कर सोहाया दादा दरबार! त्रिमंत्र 'प्रतिक्रमण' संक्षिप्त में क्रियाकार; छुड़ाये बंधन मूल अहंकार! प्रतिक्रमण विज्ञान अत्र साकार; समर्पित विश्व को मचाओ जय जयकार! -डॉ. नीरूबहन अमीनPage Navigation
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