Book Title: Prakrit aur Jain Dharm ka Adhyayan
Author(s): Prem Suman Jain
Publisher: Kundkund Bharti Trust

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Page 53
________________ कुन्दकुन्द ज्ञानपीठ पुरस्कार श्री दिगम्बर जैन उदासीन आश्रम ट्रस्ट , इन्दौर द्वारा जैन साहित्य के सृजन , अध्ययन/ अनुसंधान को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से कुन्दकुन्द ज्ञानपीठ के अन्तर्गत रूपये 25000/- का कुन्दकुन्द ज्ञानपीठ पुरस्कार “प्रतिवर्ष देने का निर्णय 1992 में लिया गया था । जिसमें नगद राशि के अतिरिक्त लेखक को प्रशस्तिपत्र , स्मृति चिन्ह , शाल , श्रीफल भेंट कर सम्मानित किया जाता है। गत् 4 वर्षों के पुरस्कारों का विवरण निम्नवत् है1993 पुरस्कृत विद्वान- संहितासूरि पं. नाथूलाल जैन , शास्त्री इन्दौर पुरस्कृत कृति - प्रतिष्ठा प्रदीप 1994 पुरस्कृत विद्वान- प्रोफेसर लक्ष्मी चन्द्र जेन , जबलपुर पुरस्कृत कृति – The Tao of Jaina Sciences 1995 पुरस्कृत विद्वान- प्रोफेसर भाग चन्द्र जैन भास्कर , नागपुर पुरस्कृत कृति - जैन इतिहास , संस्कृति एवं पुरातत्व ( पांडुलिपि ) 1996 पुरस्कृत विद्वान- डॉ. उदयचन्द जैन , उदयपुर पुरस्कृत कृति - जैन धर्म स्वरूप विश्लेषण एवं पर्यावरण संरक्षण एवं पुरस्कृत विद्वान्- आचार्य गोपीलाल अमर , दिल्ली पुरस्कृ त कृति Jaina Solution to ther Pollution of Environment अखिल भारतीय साधुमार्गी जैन संघ, बीकानेर के पुरस्कार श्री अखिल भारतीय साधुमार्गी जैन संघ, बीकानेर के अन्तर्गत स्व. प्रदीप कुमार रामपुरिया स्मृति साहित्य पुरस्कार , पुरस्कार राशि 51,000/-एवं स्व. चम्पालाल सांड स्मृति साहित्य पुरस्कार , पुरस्कार राशि 51,000/(क) स्व. प्रदीप कुमार रामपुरिया स्मृति साहित्य पुरस्कार में पुरस्कृत की जाने वाली रचनाएँ- जैन धर्म और , दर्शन , जैन इतिहास, कला एवं संस्कृति तथा जैन साहित्य-काव्य , कथा , निबन्ध , नाटक , संस्मरण एवं जीवनी आदि के संबंध में लिखित कोई भी मौलिक ग्रन्थ । (ख) स्व. चम्पालाल सांड स्मृति साहित्य पुरस्कार में पुरस्कृत की जाने वाली रचनाएँ -नैतिकता सदाचार , संस्कृति सम्बन्धित किसी भी उपाधि सापेक्ष एवं उपाधि निरपेक्ष लिखित शोध प्रबन्ध , शोध समीक्षा , कथानक एवं सम्पादित , अनुवादित ग्रन्थ । 52 प्राकृत और जैनधर्म का अध्ययन Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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