Book Title: Prakrit Vidya 1998 10
Author(s): Rajaram Jain, Sudip Jain
Publisher: Kundkund Bharti Trust

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Page 103
________________ उड़ीसा के मुख्यमंत्री श्री जानकीवल्लभ पटनायक ने हाल में दिल्ली में सम्राट् खारवेल की स्मृति में एक भवन का शिलान्यास आचार्यश्री विद्यानन्द जी के सान्निध्य में किया था। उन्होंने उदयगिरि-खण्डगिरि क्षेत्र को पर्यटन-स्थल व तीर्थक्षेत्र के रूप में विकसित करने पर बल दिया। राज्य के विकासमंत्री श्री मतलुब अली तथा सूचना मंत्री श्री सिंह ने सम्राट् खारवेल को कलिंग का महान् सम्राट् बताते हुए कहा कि “जैनधर्म का उसके समय में व्यापक प्रसार हुआ। एक प्रकार से उस समय यह राजधर्म था, लेकिन साथ ही अन्य सभी धर्म भी समान आदर पाते थे।" __ कलकत्ता के प्रो० मुखर्जी, सर्वेक्षण विभाग के डॉ० शाह, डॉ० अग्रवाल एवं डॉ० दास ने अपने शोधपत्रों में विस्तार से खारवेल की महान् उपलब्धियों का उल्लेख किया। प्रो० मुखर्जी ने कहा कि उड़ीसा में भगवान् पार्श्वनाथ तथा भगवान् महावीर का विचरण हुआ था। सम्राट् खारवेल कलिंग में पूजित कलिंग-जिन की मूर्ति मगध से वापस लाए थे, जो नंदराजा ले गए थे।" उन्होंने पुरा महत्त्व के स्थलों उदयगिरि-खण्डगिरि तथा इसकी गुफाओं की रक्षा व विकास पर विशेष रूप से बल दिया। इस संगोष्ठी के एक भव्य सत्र में सुप्रसिद्ध विद्वान् डॉ० जी० ब्रह्मपा जी को उनकी यशस्वी कृति सम्राट् खारवेल' के लिए एक लाख रुपयों की राशि का प्रथम 'खारवेल श्री पुरस्कार' सादर समर्पित किया गया। उड़ीसा के मुख्यमंत्री माननीय जानकीवल्लभ पटनायक ने सम्मान्य विद्वान् को शाल-श्रीफल एवं प्रशस्तिपत्र अर्पित किया तथा ऋषभेदव प्रतिष्ठान के अध्यक्ष श्री स्वरूपचंद जैन ने पुरस्कार-राशि का ड्राफ्ट समर्पित किया। इस अवसर पर 'ऋषभ सौरभ' तथा 'उड़ीसा रिव्यू' स्मारिकाओं का विमोचन भी हुआ। ** सम्राट् खारवेल की स्मृति में कई महत्त्वपूर्ण कार्यों का प्रवर्तन उड़ीसा प्रान्त के यशस्वी मुख्यमंत्री श्री जानकी वल्लभ जी पटनायक ने दिनांक 5 फरवरी '99 के नववर्ष में आयोजित प्रथम विशाल पत्रकार सम्मेलन' में राज्य सरकार की अनेकों आगामी महत्त्वपूर्ण योजनाओं योजनाओं की घोषणा की। इनमें बहुत-सी योजनायें कलिंगाधिपति सम्राट् खारवेल की पावन स्मृति में विनयांजलि-स्वरूप प्रवर्तित होने जा रही हैं। ऐसी प्रमुख योजनाओं में कतिपय निम्नानुसार हैं:1. उड़ीसा की राजधानी भुवनेश्वर में विधानसभा-भवन के सामने सम्राट् खारवेल की विशाल एवं भव्य कांस्य-प्रतिमा स्थापित की जायेगी। 2. राजधानी भुवनेश्वर से उदयगिरि जाने वाले मार्ग का नाम 'सम्राट् खारवेल मार्ग' रखा जायेगा। 3. वर्ष 1999-2000 को उड़ीसा सरकार कलिंग-खारवेल वर्ष' के नाम से मनायेगी। तथा इस अवसर पर पूरे वर्ष सम्पूर्ण उड़ीसा राज्य में सम्राट् खारवेल की स्मृति में अनेकों कार्यक्रम आयोजित किये जायेंगे। प्राकृतविद्या+अक्तूबर-दिसम्बर'98 बर'98 00 101

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