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कार्यक्रम के बाद “सम्राट् खारवेल' नामक कन्नड़ भाषामयी यशस्वी (पुरस्कृत) कृति के रचयिता विद्वद्वर्य ब्रह्मप्पा जी ने कुमारीपर्वत पर स्थित हाथीगुम्फा के उस ऐतिहासिक शिलालेख का अवलोकन किया। इस अवसर पर हाथीगुम्फा के अन्दर शिलालेख का अवलोकन करते हुए श्री ब्रह्मप्पा जी, साथ में हैं कुन्दकुन्द भारती के निदेशक प्रो० (डॉ०) राजाराम जी जैन, विदुषी डॉ० (श्रीमती) विद्यावती जैन, डॉ० सत्यप्रकाश जैन, दिल्ली एवं प्राकृतविद्या के प्रबन्ध सम्पादक पं० महावीर शास्त्री