________________
पार्श्वनाथका चातुर्याम धर्म
इतिहासकी शिक्षा
आजकल स्कूलों और कालेजों में इतिहासकी जी शिक्षा दी जाती है वह बेकार है; इतना ही नहीं बल्कि कभी-कभी बाधक भी होती हैं । फलाँ राष्ट्र या व्यक्तिने ऐसे-ऐसे पराक्रम किये । इस प्रकारके दिलचस्प वर्णन पढ़या सुनकर विद्यार्थियोंका गुमराह हो जाना बिलकुल स्वाभाविक है । इन पराक्रमोंका परिणाम क्या है, इसका स्पष्टीकरण होना नितांत आवश्यक है । सिकन्दरके नेतृत्व में ग्रीक लोगोंने ये-ये पराक्रम तो किये, पर उनका परिणाम क्या हुआ, इसका विचार करना क्या ज़रूरी नहीं है ? उन पराक्रमोंसे अन्य देशोंको तो दुःख भुगतने ही पड़े, पर क्या यूनानियोंकी उनसे उन्नति हुई ? क्या उनकी दुर्गतके ये ही पराक्रम कारण नहीं हुए ? यूनानियोंने जिस साहित्य और कलाका निर्माण किया, उसका कोई सम्बन्ध इन पराक्रमोंके साथ नहीं था । आज यूनान देशकी हालत बहुत गिरी हुई है, फिर भी यूनानियोंके पूर्वजोंके साहित्य एवं कला-कौशलकी तारीफ सब जगह होती है ।
१०२
ग्रीकों . ( यूनानियों ) के बाद रोमन आए । उन्होंने लगभग सारा यूरोप और अफ्रीकाका उत्तरी किनारा जीत लिया । पर अन्तमें क्या रहा ? उनका पराक्रमी वर्ग पूरी तरह नष्ट हो गया और केवल गुलाम शेष रह गये । रोमन लॉ ( कानून ) का जो विकास उन्होंने किया, उसकी स्तुति आज भी सर्वत्र होती है, और वर्तमान यूरोपीय कानून उसीपर आधारित है । परन्तु इस रोमन कानूनका रोमन लोगोंकी विजयके साथ कोई सम्बन्ध नहीं है । उन्होंने अन्य राष्ट्रोंको जीता न होता, तो भी उनका कानून लोकप्रिय हुआ होता ।
उसके बाद अर्वाचीन कालमें स्पेनका उदय हुआ । पराक्रमी स्पेनिश लोगोंने उधर दक्षिण अमेरिका और इधर फिलिपीन टापुओंमें अपने