Book Title: Panna Sammikkhaye Dhammam Part 01
Author(s): Amarmuni
Publisher: Veerayatan

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Page 439
________________ ४२० Jain Education International राष्ट्र जागरण की गरिमा का, जब तक सच्चा भाव न जागे । तब तक देश निवासी जन-जन, रहते संकट-प्रस्त अभागे ॥ दु:ख-मुक्ति के सुख-संपद के, उन्नति के पथ कब प्रशस्त हों ? जब दायित्वों के पालन-हित, जागृत सब जन राष्ट्र-भक्त हों ॥। -- उपाध्याय श्रमरमुनि For Private & Personal Use Only पन्ना समिक्ख धम्मं www.jainelibrary.org.

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