Book Title: Padmaparag Author(s): Padmasagarsuri Publisher: Shantilal Mohanlal Shah View full book textPage 2
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra Acharua Shree Padmasagarsuriswarji www.kobatirth.org dahal जैन उपनिय निपाणी (बेलगाम) PIN 59/237. Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir JAIN TEMPLE GURUWAR PETH NIPANI PIN 591237 DIST. BELGAUM (KARNATAK) - नूतन वर्ष की मंगल कामना: नूतन वर्ष के मंगल प्रभात में अपने गनो मंदिर में से राग-द्वेष विषय-कपाय, ईर्ष्या असहिष्णुता आदि गंदगी को साफ करके पौगालिक राग, विषयतृष्णा, अहं-मगत्व आदि, अनादिगलीन पुराने जीर्ण वस्त्रों को उतारकर सत्य-शील क्षमा- संतोष गुणानुराग आदि नूतन बरनों से आत्माको सुसज्जित कर, वीतराग भगवंत महावीर प्रभु के अनंत उपकारों का स्मरण करें। अनंत लब्धि संपन्न श्री गौतम स्वामिजी, बुद्धि निधान श्री अगय कुमारजी, ऋद्धिबाबू भी घन्ताजी - शालिभद्रजी आदि महान् पुण्यशाली आत्माओं के जीवन से प्रेरणाव मार्ग दर्शन प्राप्त का अपने जीवन निर्माण करने का शुभ संकल्प प्राप्त करें यही शुभ भूतन वर्ष आप राब के लिये सुख-शांति एवं धर्म लक्ष्मी प्रदान करने वाला बने यही मंगल भावना का नव कामना । शुभेच्छुक : पद्मसागर: Date For Private And Personal Use OnlyPage Navigation
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