Book Title: Niyamsara Part 01
Author(s): Kamalchand Sogani, Shakuntala Jain
Publisher: Apbhramsa Sahitya Academy

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Page 129
________________ णिग्गंथ णिच्च णिद्दंड णिद्दंद णिद्दलण णिद्दोस णिभय तारिस परिग्रहरहित निर्ग्रथ शाश्वत णिम्मद णिम्मम णिम्मल णिम्माण णिम्मूढ णिम्मोह रिवेक्ख अपेक्षारहित निरालंब पराश्रयरहित णिरावेक्ख अपेक्षारहित णिस्सल्ल शल्यरहित णिस्सेस समस्त णीराग रागरहित (122) मन-वचन-काय के स्पंदनरहित विरोधी विकल्परहित मर्दन करनेवाले दोष / द्वेषरहित भयरहित मदरहित पर से तादात्म्यरहित निर्मल अहंकाररहित अविवेक / मूर्च्छारहित मोहरहित आसक्तिरहित उसी तरह से 44 75 72 43 43 73 43 43 44 43 48 44 3 n + 1 ∞ $ 43 75 14, 60 43 28 44 7 43 44 47 नियमसार (खण्ड 1 )

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