Book Title: Niyamsara Part 01
Author(s): Kamalchand Sogani, Shakuntala Jain
Publisher: Apbhramsa Sahitya Academy

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Page 132
________________ समग्ग समय समुब्भव सयल 5, 44 सरूव स-सहाव सहिय 71, 74 सार सिद्ध सुद्ध. सुहुम सुहमथूल युक्त समयपर्याय उत्पन्न समस्त सभी स्वरूप स्वभावसहित से युक्त पूर्ण रूप से सिद्ध सिद्ध शुद्ध सूक्ष्म सूक्ष्मस्थूल शेष वीर गुणित मजाक/मखौल 21, 23, 24 38, 52 50 त्यागने योग्य अविभागी 1/1 तविवरीओ 1/1 तव्विवरीया 1/2 नियमसार (खण्ड-1) अनियमित विशेषण अविभागी 26 उसके विपरीत 7 उसके विपरीत 24 (125)

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