Book Title: Nitya Mangal aur Gautamswami Ka Ras
Author(s): Dharnendrasagar
Publisher: Mahavir Jain Aradhana Kendra Koba
View full book text
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
पुरिसा ! जइ दुक्खवारणं, जइ अ विमग्गह सुक्खकारणं। अजिअ संति च भावओ, अभयकरे सरणं पवजहा
मागहिआ ॥ ।।६।। अरइ-रइतिमिरविरहिअमुवरयजरमरणं, सुर-असुर-गरुल-भुयगवइपययपणिवइअ । अजिअमहमविअ सुनयनयनिउणमभयकरं सरणमुवसरिअ भुवि-दिविजमहिअ सययमुवणमे
।। ७ ।। संगययं ।। तं च जिणुत्तममुत्तमनित्तमसत्तधरं, अज्जव-मद्दव-खंति-विमुत्ति-समाहिनिहिं । संतिकरं पणमामि दमुत्तमतित्थयरं, सतिमुणी ! मम संतिसमाहिवरं दिसउ
।। ८ ।। सोवाणयं ।।
सावत्थिपुव्वपत्थिवं च वरहत्थिमत्थयपसत्थविच्छिन्नसंथि, थिरसरिच्छवच्छ मयगललीलायमाणवरगंधहत्थिपत्थाणपत्थिय संथवारिहं । हत्थिहत्थबाहुधंतकणगरुअगनिरुवहयपिंजरं पवरलक्खणोवचिअसोमचारूरुवं, सुइमुहमणाभिरामपरमरमणिज्जवरदेवदुदुहिनिनायम
For Private And Personal Use Only

Page Navigation
1 ... 10 11 12 13 14 15 16 17 18 19 20 21 22 23 24 25 26 27 28 29 30 31 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50 51 52 53 54